उच्च न्यायालय - High Court

उच्च न्यायालय - High Court

उच्च न्यायालय, राज्य न्यायिक प्रशासन का प्रमुख होता है। देश में 21 उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से तीन के कार्यक्षेत्र एक राज्य से ज्यादा है। दिल्ली एकमात्र ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है जिसके पास उच्च न्यायालय है। अन्य छह केंद्र शासित प्रदेश विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के तहत आते हैं। प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और कई न्यायाधीश होते हैं। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति देश के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्त प्रक्रिया वही है सिवम इस बात के कि न्यायाधीशों के नियुक्ति की सिफारिश संबद्ध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करते हैं ये 52 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर रहते हैं। न्यायाधीश बनने की अहंता यह है कि उसे भारत का नागरिक होना चाहिए, देश में किसी न्यायिक पद पर दस वर्ष का अनुभव होना चाहिए या किसी उच्च न्यायालय या इस श्रेणी की दो अदालतों में इतने समय तक वकील के रूप में प्रैक्टिस कर चुका हो।

प्रत्येक उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए या किसी अन्य उद्देश्य से अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत किसी व्यक्ति या किसी प्राधिकार या सरकार के लिए निश, आदेश या रिट जारी करने का अधिकार है। यह रिट बंदी प्रत्यक्षीकरण परमादेश निषेध अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण के रूप में भी हो सकता है। कोई उच्च न्यायालय अपने इस अधिकार का उपयोग उस मामले या पटना में भी कर में सकता है, जो उसके कार्यक्षेत्र में घटित हुई हो, लेकिन उसमें संलिप्त व्यक्ति या सरकारी प्राधिकरण उस क्षेत्र के बाहर के हाँ। विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों और अतिरिक्त न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 678 है लेकिन 26 जून 2006 की स्थिति के अनुसार इनमें से 587 न्यायाधीश अपने अपने पद पर कार्यरत थे।