राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य - Functions of National Commission for Scheduled Tribes

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य - Functions of National Commission for Scheduled Tribes

1.अनुसूचित जनजातियों के लिए इस संविधान या तत्काय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबधित रक्षापायों में संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण कर और उन पर निगरानी रखे तथा ऐसे रक्षापायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करे।


2 अनुसूचित जनजातियों को उनके अधिकारी और रक्षापायों से वंचित करने के संबंध में विनिर्दिष्ट शिकायतों की जांच करे।


3. अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग ले और उन पर सलाह दे तथा संघ और किसी राज्य के अधीन उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करे 


4. उन रक्षापायों के कार्य करण आरे में प्रतिवर्ष और ऐसे अन्य समयों पर, जो आयोग ठीक समझे, राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत कोशांति,


5 ऐसी रिपोर्ट में उन उपायों के बारे में, जो उन रक्षापायों के प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा किए जाने चाहिए तथा अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण कल्याण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अन्य उपायों के बारे में सिफ़ारिश करे। 


6 अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण कल्याण और विकास तथा उन्नयन के संबंध में ऐसे अन्य कृत्यों का निर्वहन करे, जो राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए नियम द्वारा विनिर्दिष्ट करें।



2005 में राष्ट्रपति ने अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा कल्याण तथा विकास और उन्नति के लिए आयोग के निम्नलिखित अन्य कार्य निर्धारित किए वन क्षेत्र में रह रही अनुसूचित जनजातियों को लघु वनोपज पर स्वामित्व का अधिकार देने संबंधी उपाय।


II कानून के अनुसार जनजातीय समुदायों के खनिज तथा जल संसाधनों आदि पर अधिकार को सुरक्षित रखने संबंधी उपाय 


III. जनजातियों के विकास तथा उनके लिए अधिक वहनीय आजीविका रणनीतियों पर कम करने संबंधी उपाय


IV. विकास परियोजनाओं द्वारा विस्थापित जनजातीय समूहों के लिए सहायता एवं पुनर्वास की प्रभावकारिता बढ़ाने संबंधी उपाय


V. जनजातीय लोगों का भूमि से बिलगाव रोकने के उपाय तथा उन लोगों का प्रभाव पुनर्वासन करना, जो पहले ही भूमि से विलग हो चुके हैं। 


VI. जनजातीय समुदायों की वन सुरक्षा तथा सामाजिक वानिकी में अधिकतम सहयोग एवं संलग्नता प्राप्त करने संबंधी उपाय।


VII. ऐसा अधिनियम, 1996 का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने संबंधी उपाय


VIII. जनजातियों द्वारा झूम खेती के प्रचलन को कम करने तथा अंततः समाप्त करने संबंधी उपाय


जिसके कारण उनके लगातार अशक्तिकरण के साथ भूमि तथा पर्यावरण का अपरदन होता है।


आयोग का प्रतिवेदन आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है। यदि आवश्यक समझा जाता है तो समय से पहले भी प्रतिवेदन दे सकता है। राष्ट्रपति ऐसे सभी रिपोर्टों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा और उनके साथ संप से संबंधित सिफारिशों पर की गई या किए जाने के लिए प्रस्थापित कार्रवाई तथा यदि कोई ऐसी सिफारिश अस्वीकृत है तो अस्वीकृति के कारणों को स्पष्ट करने वाला न भी होगा। जहां कोई ऐसी रिपोर्ट या उसका कोई भाग किसी ऐसे विषय से संबंधित है जिसका किसी राज्य सरकार से संबंध है तो ऐसी रिपोर्ट की एक प्रति उस राज्य के राज्यपाल को भेजी जाएगी जो उस राज्य के विधानमंडल के समक्ष रखवाएगा और उसके साथ राज्य से संबंधित सिफारिशों पर की गई या किए जाने के लिए प्रस्थापित कारवाई तथा यदि कोई ऐसी सिफारिश अस्वीकृत है तो अस्वाकृति के कारणों को स्पष्ट करने वाला ज्ञापन भी होगा।