हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति रूप में प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के पहले वर्ष की उपलब्धियां।

हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति रूप में प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के पहले वर्ष की उपलब्धियां।



महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के माननीय कुलपति प्रोफेसर रजनीश कुमार शुक्ल ने 19 अप्रैल 2019 को हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया था। एक श्रेष्ठतम कुलपति के रूप में उनके कुछ उल्लेखनीय कार्य हैं जिसे मैं आप सबके सामने रख रहा हूं सबसे पहले तो मैं आप सभी के सामने यह बताना चाहूंगा कि माननीय कुलपति महोदय छात्र वात्सल्य और एक अच्छे प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं।

संस्कृति पुरुष प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल जी इससे पूर्व भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के सदस्य - सचिव के पद पर कार्यरत थे। वे मूलतः सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में तुलनात्मक धर्म और दर्शन के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहें। प्रो। शुक्ल मानते हैं कि मानव जीवन को उदात्त तथा सार्थक बनाने के लिए, धर्म और दर्शन का समावेशी एवं सहभागी होना आवश्यक है। वह दर्शनशास्त्र के प्रख्यात विद्वान साथ ही भारतीय संस्कृति के पुरोधा भी माने जाते हैं।

◆ प्रोफेसर रजनीश कुमार शुक्ल ने अपने प्रथम वर्ष के कार्यकाल में ही छमाही की परीक्षाओं को निर्धारित समयनुसार क्रियान्वित करने का सबसे बड़ा कार्य किया। क्योंकि विगत कुछ वर्षों से छमाही की परीक्षाएं हर वर्ष विलंब से ही शुरू होती थी।

◆ विद्यार्थी/शोधार्थी के लिए उन्होंने हर कार्यालय में विद्यार्थी पटल जैसे सेवा का प्रारंभ किया जिससे विद्यार्थियों को सहूलियत हो सके और वह अपना कार्य सही तरीके से व्यवस्थित तरीके से करवा सकें। जैसे कि छमाही शुल्क शुल्क आदि का भुगतान करना हो तो उसके लिए एक पटल बना दिया गया है, प्रवेश परीक्षा या परीक्षा संबंधी कोई पूछताछ करना हो तो उसके लिए अलग पटल बनाया गया है साथ ही शिकायत के लिए अलग पटल बना दिया गया है।

◆ विद्यार्थियों के हित के लिए खासकर ऐसे विद्यार्थी जो आर्थिक रूप से आवश्यकताग्रस्त है, विद्या परिषद की बैठक में विद्यार्थी प्रतिनिधि के द्वारा उठाए गए अर्न बाय लर्न योजना को उन्होंने बहुत ही तारतम्यता और कुशलतापूर्वक अपने कुशल नेतृत्व में लागू कराया और जमीनी स्तर पर योजना के तहत आवश्यकताग्रस्त विद्यार्थियों का साक्षात्कार किया। और उन्हें विभिन्न अकादमिक कार्य में जोड़ा। ऐसे विद्यार्थी को अपने जीवन में पढाई के साथ अकादमिक कार्य करने का शुभ अवसर प्रदान किया जिससे कि उन्हें दूसरे के सामने कहीं हाथ न फैलाना पड़े और अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित तरीके से पूरा कर सके।

◆ विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य की दृष्टि से कई सालों से विद्यार्थियों द्वारा एंबुलेंस की मांग को उन्होंने अपने प्रथम वर्ष के कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही पूर्ण कर विश्वविद्यालय में एंबुलेंस की व्यवस्था बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से पूर्ण किया।

◆विश्वविद्यालय के प्रचार प्रसार के लिए कुलपति महोदय की दृष्टि दूरदर्शी है। सोशल मीडिया के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्होंने विश्वविद्यालय का यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप के माध्यम से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है जिसके माध्यम से वह विश्वविद्यालय के विद्यार्थी/शोधार्थी और विश्वविद्यालय के बारे में कोई बाहरी सुधिजन कोई सुझाव या जानकारी लेना या देना चाहते हो तो संवाद स्थापित कर सकते हैं।

◆ कक्षाओं की जो समय होती थी वह पहले 10:30 से शुरू होती थी। लेकिन माननीय कुलपति महोदय ने इसे सुबह 9:30 से किया। जिससे कि विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा अपने पाठ्यक्रम को लेकर अपने अध्यापकगण से संपर्क में रह सके और एक उपयोगी शिक्षा यहां से प्राप्त करके जा सके। जिससे कि वह बेरोजगार ना रहें।

◆ वार्षिक खेल महोत्सव में कबड्डी खेल को जोड़कर उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीयता का अनुभव कराया और खिलाडियों ने भी सबसे ज्यादा रूचि इस खेल में लिया। दर्शक के रूप में विद्यार्थीगण ने भी कबड्डी का आनंद लिया।

◆विद्यार्थी प्रतिनिधियों द्वारा “राष्ट्र गौरव” विषय को शुरू करने की मांग उन्होंने मंजूरी दी और  विश्वविद्यालय संचालित सभी पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया हैं।

केंद्रीय और विभागीय पुस्तकालय को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में पुस्तकालयध्यक्ष कि लगातार शिकायत को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने एक कुशल पुस्तकालयध्यक्ष की नियुक्ति की जिससे पुस्तकालय की व्यवस्था और सेवाएं सुव्यवस्थित रूप से विद्यार्थी/शोधार्थी को मिल सके।

◆ हिंदी भाषा और कंप्यूटर में दक्षता विषय को हर पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया। स्नातक, स्नातकोत्तर, एम. फिल और पीएचडी सभी पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया। जिसे 50% अंक के साथ पास करना अनिवार्य होगा क्योंकि हिंदी विश्वविद्याल से जो भी विद्यार्थी निकलें हिंदी भाषा में दक्ष होकर निकले। और वर्तमान समय की आवश्यकतानुसार कंप्यूटर में दक्ष होना बेहद जरुरी हैं

◆ एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना का सफल एवं सार्थक क्रियान्वयन माननीय कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में पूरा किया गया। इस योजना के माध्यम से उड़ीसा केंद्रीय विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के तत्वधान में विद्यार्थी अंतरण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इसके तहत विद्यार्थियों ने दोनों राज्यों की संस्कृति को जानने का प्रयास किया वहां के संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन वहां के स्थानीय स्थलों का भ्रमण किया। और साथ ही हर महीने के तीसरे गुरुवार को एक भारत श्रेष्ठ भारत दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। जिसके अंतर्गत दोनों राज्यों के गौरवमयी इतिहास के पुरोधा आदि तरह के विषयों पर निबंध, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित किया जाना आरंभ हुआ।

◆ विद्यार्थी वात्सल्य से जुड़े मुद्दे को ज्यादा प्राथमिकता देने के लिए कुलपति महोदय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ सदैव जुड़े रहते हैं। उनसे संवाद करते हैं और उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करते हैं। फिर समाधान के लिए निरंतर प्रयास करते हैं।

अभी वर्तमान में करोना महामारी के कारण जो सघनबंदी चल रही है। जिसके कारण सभी कक्षाएं बाधित हो गयी थी। इस विकट समय में उन्होंने विद्यार्थीगण के साथ संवाद स्थापित रहें उसके लिए माननीय कुलपति महोदय के कुशल नेतृत्व में पूरे भारतवर्ष में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है, जहाँ ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया गया। और इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को एक व्यवस्थित मार्गदर्शन मिलता रहे यह सुनिश्चित किया गया।

अकादमिक दृष्टि से माननीय कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में दो दिवसयीय वेबिनर “डॉ। अम्बेडकर : शिक्षा एवं सामाजिक न्याय” विषय पर आयोजित कर इतिहास रच दिया हैं। वेबिनार में लगभग 1500 के आसपास लोगों ने सहभागीता किया। यह भारतवर्ष के लिए अकादमिक क्षेत्र में सबसे बड़ा वेबिनार बनकर उभर कर सामने आया है।

◆ कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत भारत अभियान के तहत गोद लिए गए गाँवों में जागरूकता अभियान और रोजमर्रा की जरुरत के सामान आदि के व्यवस्था को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी महोदय से भी संवाद स्थापित कर रहे हैं। जिसके आधार अकादमिक सामाजिक उत्तरदयित्व्य का निर्वहन किया जा सकें।

◆ अभी हाल ही के साक्षात्कार में उन्होंने यह कहा हैं की विश्वविद्यालय में सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए अब ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता बनी रहें। और स्नातकोत्तर विषय में मेरिट के आधार पर नामांकन लिया जाएगा।

◆ प्रथम वर्ष के कार्यकाल में कुलपति महोदय के नेतृत्व में और भी कई अन्य उल्लेखनीय कार्य भी किए हैं जो की विश्वविद्यालय के विकास के लिए और विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण, आवश्यक और उपयोगी हमेशा रहेगी। कुशल नेतृत्त्व, दूरदृष्टि और वर्तमान समय के आयाम को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय की सेवा, सुविधा समग्रता में सभी तक सुव्यवस्थित रूप से पहुँच सकें। इसका ख्याल रखते हुए कुलपति महोदय निरंतर विभिन्न रचनात्मक, सृजनात्मक प्रयास कर रहें हैं।


लेखक - गौरव कुमार
मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क विद्यार्थी
 विद्यार्थी प्रतिनिधि