समाज कार्य शिक्षा

Whatsapp : +917004459007
Career Guidance : +917004459007

Pinned Post

All stories

समकालीन हिन्दी कविता पर अनजाने ही एकरसता छा रही है जिससे रचनाओं में यान्त्रिकता का खतरा बढ़ गया है। गहरी संवेदनाओं से उपजी रघुवीर सहाय की कविताएँ इस …
रघुवीर सहाय की कविता राजनैतिक-सांस्कृतिक चेतना का प्रखर रूप लेकर उपस्थित होती है। उन्होंने हिन्दी कविता को राजनैतिक कविता की शक्ति संभावनाओं में ढाला…
लोकतान्त्रिक मार्ग को अपनाकर व्यक्ति की गरिमा और सामाजिक न्याय की स्थापना करने वाली विचारधारा समाजवाद है। मुक्तिबोध मार्क्सवाद और मानवतावाद के पक्षधर…
मानवतावाद एक लोकतान्त्रिक और नैतिक जीवनदृष्टि है, जो पुष्ट करती है कि मनुष्य के पास अपने जीवन को अर्थ और आकार देने का अधिकार और उत्तरदायित्व है। मुक्…
आधुनिककाल में प्रायः सभी साहित्यकारों पर मार्क्सवाद का न्यूनाधिक प्रभाव पड़ा। मुक्तिबोध भी इसके अपवाद नहीं हैं। उनका लेखन छायावाद से प्रारम्भ हुआ और …