समस्या कथन (Statement Problem)

समस्या कथन (Statement Problem)

समस्या कथन (Statement Problem)


समस्या कथन से तात्पर्य होता है समस्या को शीर्षक देने से शीर्षक जो प्रस्तावित अनुसंधान की लिखित रूपरेखा के आरंभ में लिखा जाता है तथा अनुसंधान पूरा हो जाने पर थीसिस अथवा उसकी रिपोर्ट के ऊपर लिखा जाता है।


समस्या को किस प्रकार शीर्षक के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए अर्थात् किस प्रकार उसका कथन किया जाना चाहिए, इस संबंध में भी कुछ नियम हैं। ये निम्न प्रकार हैं -


1. वान डालेन के अनुसार, समस्या की प्रस्तुति या तो प्रश्नों के रूप में की जानी चाहिए या सीधे एवं सरल कथनों (statements) के रूप में की जानी चाहिए। जैसे


क्या बुद्धि बालकों की शैक्षिक उपलब्धि को प्रभावित करती ( प्रश्न रूप )






बुद्धि का बालकों की शैक्षिक उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। (कथन)


2. मौलि के अनुसार, समस्या की प्रस्तुति संक्षिप्त एवं सुतथ्यतः रूप में (precisely) की जानी चाहिए। उसके कथन में निरर्थक एवं अनावश्यक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। बहुत क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग भी उचित नहीं समझा जाता।


3. समस्या का कथन इस प्रकार किया जाना चाहिए कि उसे पढ़ते ही पाठक को यह स्पष्ट हो जाए कि समस्या में कौन-कौन से चर हैं, जिनके पारस्परिक संबंधों की खोज करना अनुसंधान का उद्देश्य है जैसे “अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों का अध्ययन"। इस प्रकार के समस्या कथन में कुछ भी स्पष्ट नहीं होता कि किस बात का अध्ययन किया जाएगा। यदि इसी को इस प्रकार प्रस्तुत किया जाए " अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालयों के बालकों तथा अन्य विद्यालयों के बालकों की शैक्षिक प्रगति का तुलनात्मक अध्ययन, तो अनुसंधान का उद्देश्य समस्या को पढ़ते ही स्पष्ट हो जाता है।









4. समस्या का कथन इस प्रकार किया जाना चाहिए कि पढ़ते ही अनुसंधान क्षेत्र का विस्तार (scope) स्पष्ट हो जाए। जैसे, “पढ़ने वाले बालकों की बुद्धि का सर्वेक्षण" इस कथन से यह स्पष्ट नहीं होता कि किस स्थान के विद्यालयों के बालकों, किस कक्षा अथवा आयु के बालकों की बुद्धि का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसी को यदि इस प्रकार लिखा जाए " मेरठ शहर के आठवीं कक्षा के बालकों की बुद्धि का सर्वेक्षण" तो अनुसंधान के क्षेत्र का विस्तार स्पष्ट हो जाता है।


अनुसंधान समस्या के कथन में ही अनुसंधान कार्य की सम्पूर्ण रूपरेखा निहित होती है। उसे पढ़ते ही यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि शोध का प्रमुख उद्देश्य क्या है, शोध सामग्री कहाँ से एकत्र की जाएगी, किन चरों का मापन किया जाएगा तथा शोध सामग्री के विश्लेषण की विधि क्या होगी।