व्यावसायिक गतिशीलता के कारण - Business Mobility

व्यावसायिक गतिशीलता के कारण - Business Mobility

व्यावसायिक गतिशीलता के कारण - Business Mobility

व्यावसायिक गतिशीलता 20वीं सदी की विशेषता है। सरल समाजों में जहां व्यवसाय का आधार वंशानुगत होता है वहीं जटिल समाजों में व्यवसाय का आधार परंपरागत तरीके नहीं होते हैं। हालांकि आज भी कुछ लोग परंपरागत आधारों पर व्यवसाय करने को महत्व देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवसाय का चयन अपनी इच्छा व लाभ के आधार पर करना चाहता है और यही कारण है कि वर्तमान समय में व्यावसायिक गतिशीलता देखने को मिलती है। इसके प्रमुख कारण निम्नलेखित हैं।


1. प्रौद्योगिकीय आविष्कारों के कारण- जैसे-जैसे किसी भी समाज में प्रौद्योगिकीय विकास होता है वैसे-वैसे व्यावसायिक गतिशीलता को बढ़ावा मिलता जाता है। प्रौद्योगिकीय विकास श्रम मांग में बढ़ोतरी करता है। यह परिस्थिति तब तक बनी रहती है जब तक कि उन मशीनों का आविष्कार न हो जाए जो कम मजदूरों के इस्तेमाल से अधिक मात्रा में उत्पादन कार्य कर सके। विकासशील देशों में इस बात पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है कि प्रौद्योगिकीय विकास उस प्रकार का हो कि मजदूरों की माग बनी रहे और ज्यादा संख्या में मजदूर बेरोजगार न हो पाएँ यातायात व परिवहन के साधन का विकास भी इसके लिए जिम्मेदार है।


2. मज़दूरों का शोषण विकासशील देशों में आर्थिक व सामाजिक विकास मजदूरों के शोषण को जन्म दे रहा है। साहकार जमींदार व उच्च प्रस्थिति पर काबिज लोग मजदूरों को वाजिब पारिश्रमिक नहीं देते हैं जिसके कारण उन्हें विवश होकर दूसरे स्थानों पर जाकर अन्य व्यवसाय को अपनाना पड़ता है।


3. शिक्षा का प्रचार-प्रसार शिक्षा का स्तर, व्यावसायिक गतिशीलता को प्रभावित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाता है। इसके लिए सामान्य शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा दोनों जिम्मेदार हैं। शिक्षा के माध्यम से प्रौद्योगिक ज्ञान व तकनीकी ज्ञान में वृद्धि की जा रही है। विकासशील समाजों में इसलिए भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है, क्योंकि इससे सामाजिक व व्यावसायिक गतिशीलता में वृद्धि की जा सके।


4. ज्ञान और कौशल में बढ़ोतरी उच्च पदों की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति ज्ञान व कौशल के क्षेत्र में पारंगत हो। ज्ञान और कुशलता में वृद्धि होने के कारण व्यावसायिक गतिशीलता को प्रोत्साहन मिलता है।


5. अर्जित गुणों का महत्व भारत में अब परंपरागत व्यवसायों का प्रायः हास हो चुका है और वांछित व्यवसाय के लिए कड़ी मेहनत व प्रतिस्पर्धा से गुजरना आज प्रत्येक मनुष्य के लिए। चुनौती बन चुका है। आज जाति वर्ग आदि से ऊपर उठकर व्यक्ति वही कार्य करना चाहता है, जिसमें लाभ के अवसर अधिक हो। जिस प्रकार से लोगों में अर्जित गुणों का समावेश होता चला जा रहा है, उसी प्रकार समाज में व्यावसायिक गतिशीलता को प्राथमिकता मिलती जा रही है।


6. उच्च पद पाने की लालसा व दिलाने की प्रेरणा साधारणतः निम्न प्रस्थिति के लोगों में यह देखा जाता है कि वे पहले ही यह सोच लेते हैं कि उच्च प्रस्थिति के कार्य उनके द्वारा कर पाना संभव नहीं और यह कारण व्यावसायिक गतिशीलता के मार्ग को अवरुद्ध कर देता है। व्यावसायिक गतिशीलता के लिए यह आवश्यक होता है कि लोगों में उच्च पद पर आसीन होने या काम करने की लालसा प्रचुर मात्रा में होनी चाहिए। जिस प्रकार से उच्च पद प्राप्त करने की लालसा व्यावसायिक गतिशीलता के लिए आवश्यक होती है उसी प्रकार उच्च पद दिलाने की प्रेरणा भी इसमें वृद्धि का कारण है।


7. कृषि कार्यों में जनाधिक्य होना- भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ लगभग 60 प्रतिशत लोग कृषि व्यवसाय में संलग्न हैं। भूमि का क्षेत्रफल वही है और जनसंख्या निरंतर वृद्धि होती जा रही है। जनसंख्या के अधिक होने के कारण लोगों की आवश्यकताएँ कृषि कार्यों से पूरी नहीं की जा सकती इस कारण भी व्यावसायिक गतिशीलता में बढ़ोतरी होती है।


8. वंशानुगत व्यवसाय से असंतुति सामान्यतः यह देखा जाता है कि जिन लोगों की प्रदत्त प्रस्थिति उच्च नहीं है, उनमें यह गतिशीलता अधिक मात्रा में पाई जाती है। वे उन व्यवसायों से दूर भागते हैं जो उनके माता-पिता अथवा अन्य पूर्वजों द्वारा किए गए हैं। उनके स्थान पर वे उन व्यवसायों को अपनाने को प्राथमिकता देते हैं जिनसे उन्हें अपेक्षाकृत उच्च सामाजिक प्रस्थिति अथवा प्रतिष्ठा प्राप्त हो सके।


9. युद्ध व राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव भी व्यावसायिक गतिशीलता का एक कारण है।