व्यावसायिक संरचना - Business Structure

व्यावसायिक संरचना - Business Structure

व्यावसायिक संरचना - Business Structure

मूल रूप से व्यवसाय जटिल समाजों की विशेषता है और सरल समाजों में बहुत ही कम मात्रा में व्यवसाय पाए जाते हैं। व्यवसाय को एक मनुष्य द्वारा पारिवारिक क्रियाकलापों से इतर वहनकी जाने वाली भूमिका के रूप में विश्लेषित किया जा सकता है जो आर्थिक पक्ष से संबंधित हो और जिसमें उसे आमदनी के साथ-साथ सामान्य सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है। प्रगति और दिन-प्रतिदिन संबधिंत होते श्रम विभाजन के कारण निरंतर नवीन कार्य व व्यवसायों का अभ्युदय होता है। उद्योगीकरण समाज की संरचना कहीं अधिक विकसित व व्यापक क्षेत्र से जुड़ी होती है। इन समाजों में प्रमुख रूप से निर्माण आधारित व्यवसायों के साथ सेवा आधारित व्यवसाय होते हैं और इसके साथ ही कृषि मछली पालन और अन्य व्यवसाय भी किए जाते हैं।

व्यवसाय और व्यावसायिक संरचना के लिए कुछ मानकों की व्यवस्था करने के लिए कोई सार्वभौमिक प्रणाली नहीं है। इसका निर्धारण अनेक कारकों द्वारा किया जाता है, यथा- किसी जगह की भौगोलिक स्थिति, प्रौद्योगिकीय विकास और उत्पादन शक्तियों का स्तर प्रति व्यक्ति के आय का स्तर अर्थव्यवस्था की संरचना श्रम विभाजन और कार्य कुशलता आदि किसी जगह की भौगोलिक स्थिति और पारिस्थितिकीय संसाधनों की उपलब्धता कार्य के चुनाव को नियत करती है। व्यावसायिक संरचना को कुछ उदाहरणों के आधार पर समझा जा सकता है, यथा व्यावसायिक, तकनीकी, लिपिकीय प्रबंधकीय, कौशल, अर्ध-कौशल, कौशलहीन, बिक्री इन श्रेणियों को विभिन्न व्यवसायों में पुनर्विभाजित किया जा सकता है।

जापान में मछली पालन बड़ी मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराता है। जिस प्रकार से प्रौद्योगिकी में वृद्धि होती जाती है, उसी प्रकार से उत्पादक बल में भी विकास होता है और इससे व्यावसायिक संरचना में विविधता आती है। जैसे-जैसे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है उसी रूप में विनिर्मित उत्पादों की मांग में भी वृद्धि होती है और इससे द्वितीयक क्षेत्रों में विनिर्माण उद्योगों में उत्पादन विकसित होता है। भारत में, जनगणना व्यवसायों को प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र व तृतीयक क्षेत्र के रूप में तीन श्रेणियों में विभाजित करती है। प्राथमिक क्षेत्र में मछली पालन, कृषि मजदूर पशुधन, खनन व उत्खनन आदि, द्वितीयक क्षेत्र में पारिवारिक अथवा घरेलू व अन्य उद्योग और तृतीयक क्षेत्र में परिवहन व्यापार व वाणिज्य संचार व अन्य सेवाओं को सम्मिलित किया जाता है।


व्यावसायिक गतिशीलता एक व्यक्ति द्वारा नए कौशलों की प्राप्ति के पश्चात अपने पूर्व व्यवसाय अथवा नौकरी को परिवर्तित कर लेने से संबंधित है। यह अतरपीढ़ीय हो सकता है जिसमें व्यक्ति व्यवसाय को अपने कामकाजी जीवन के दौरान परिवर्तित कर लेता है अथवा यह अन्तःपीढीय भी हो सकता है जिसमें व्यक्ति किसी ऐसे व्यवसाय का चुनाव करता है जो उसके पिता के व्यवसाय से अलग होता है। व्यावसायिक गतिशीलता एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा लोग समाज में एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय की ओर उन्मुख होते हैं, उसे स्वीकार करते हैं। यह स्थिति एक विशेष स्तरणात्मक मूल्य को अभिव्यक्त करती है जिसे सामान्य तौर पर सभी द्वारा स्वीकारोक्ति प्राप्त होती है। यह उन समाजों में अधिक मात्रा में देखने को मिलती है जो अभी हाल ही में औद्योगीकृत हुए हैं।