वैश्वीकरण - Globalization
वैश्वीकरण - Globalization
वैश्वीकरण वर्तमान परिदृश्य की एक वैश्विक प्रघटना है और साथ ही बहस के लिए यह एक वैश्विक मसला भी है। 80 के दशक से इस अवधारणा का सूत्रपात हुआ है और इसने संपूर्ण विश्व का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर लिया। मोटे तौर पर वैश्वीकरण पूंजी वस्तुओं प्रौद्योगिकी और ज्ञान का राष्ट्रीय सीमाओं से परे बिना किसी रुकावट होने वाला संचार है। यह आर्थिक संवृद्धि के प्रयोजन से विश्व के देशों और लोगों के बीच एकीकरण और अंतक्रिया की प्रक्रिया है। वैश्वीकरण का तात्पर्य राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने से है।
• एंथोनी गिडेंस "अनेक लोगों और विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के बीच में बढ़ती हुई अन्योनाक्षितता या पारस्परिकता ही भूमंडलीकरण है। यह पारस्परिकता सामाजिक और आर्थिक संबंधों में होती है, इसमें समय और स्थान का महत्व समाप्त हो जाता है।"
• रोजेनाऊ उद्योगवाद और उत्तर-उद्योगवाद, आज ऐसी वैश्वीय सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक शक्तियों के रूप में स्थापित हो गई हैं जो वैश्वीकरण का पोषण करती है।
• डेविड हार्वे "वैश्वीकरण का जुड़ाव समय और स्थान की गति और गहनता से है, क्योंकि हमारा बाजार, ब्याज दर, भौगोलिक गतिशीलता आदि समय और स्थान उतार-चढ़ाव के साथ जुड़े हुए हैं। यह जुड़ाव सहज नहीं है"
रुडबरीकरण एक प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों की स्थापना में भौगोलिक दूरी की एक कारक के रूप में महत्ता कम होती है।"
मेलकाम वाटर्स- "वैश्वीकरण एक सामाजिक प्रक्रिया है, जिसमें सामाजिक तथा सांस्कृतिक व्यवस्था पर जो भौगोलिक दबाव होते हैं, कम हो जाते हैं और लोग भी इस तथ्य से अवगत हो
जाते हैं कि अब भौगोलिक सीमाएं निरर्थक हैं।" • डेविड हेल्ड और एंथोनी मैयू "वैश्वीकरण एक प्रक्रिया है, जिससे विभिन्न भू-भागों के मध्य क्रिया, अंतःक्रिया तथा शक्ति का विनिमय बिना किसी रुकावट के संभव हो पाता है।"
• के. होम वैश्वीकरण इतिहास का एक नया कालखंड है उपर्युक्त वर्णित परिभाषाओं कोविश्लेषित करने पर एक जो सबसे महत्वपूर्ण पक्ष निकलकर सामने आता है वह है 'पूंजी' अर्थात पूँजी, वैश्वीकरण के मूल में है जो समाज और संस्कृति को एकसाथ विलीन करने को आतुर है। वैश्वीकरण एक संयुक्त प्रक्रिया है जिसमें विविध समूहों के बीच सांस्कृतिक अंतक्रिया में तीव्रता की प्रक्रिया सम्मिलित रहती है।
भारतीय संदर्भ में वैश्वीकरण का आशय है विदेशी कंपनियों को देश की विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में निवेश की अनुमति प्रदान कर विदेशी निवेश को आमंत्रित करना, विदेशी विनिमय नियंत्रण अधिनियम जैसे कानूनों को शनैः शनैः समानकर बहुराष्ट्रीय निवेशों को सुविधाएं देना भारतीय कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित करना अन्य देशों में संयुक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रेरित करना आदि को महत्व दिया जाना।
वार्तालाप में शामिल हों