नवउपनिवेशवाद की संकल्पना और अर्थ - The Concept and Meaning of Neo-colonialism

नवउपनिवेशवाद की संकल्पना और अर्थ - The Concept and Meaning of Neo-colonialism

नवउपनिवेशवाद और लोकतंत्र दोनों दो अलग-अलग ध्रुव पर खड़ी संकल्पनाएँ हैं। एक नियंत्रण या आधिपत्य स्थापित करने को महत्व देती है, तो दूसरी नियंत्रण के अधिकार का विकेंद्रण करने पर जोर देती है। इस इकाई में इन दोनों संकल्पनाओं के अर्थ और उदय की दशाओं पर विस्ता से चर्चा की गई है।

नवउपनिवेशवाद उपनिवेशवाद की आधुनिक अवस्था है, जहाँ आधिपत्य खुले रूप में न होकर छिपे तौर पर कायम है। बुद्धिजीवियों और तर्कशास्त्रियों को यह बात स्पष्ट हो गई है कि औपचारिक तौर पर स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिकों की वास्तविक और पूर्ण स्वतंत्रता अभी के लिए कोरी कल्पना है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और उनके द्वारा नियंत्रित अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं व बाजार सैनिक व आर्थिक सहायता के माध्यम से और उस राष्ट्र के अभिजात वर्ग की मदद से उसी राष्ट्र पर कब्जा करने की मंशा बनाई जा रही है। अर्थात् स्वतंत्र होने के बावजूद देश की परतंत्रता और परनिर्भरता अभी भी कायम है। उपनिवेशवाद की नई परिभाषा के रूप में इन अप्रत्यक्ष चेड़ियों को विचारकों द्वारा नव उपनिवेशवाद, डॉलर साम्राज्यवाद, आर्थिक साम्राज्यवाद अथवा नवसाम्राज्यवाद की संज्ञा प्राप्त हुई। सार रूप में यही कहा जा सकता है कि आज स्वतंत्र राष्ट्रों की स्वतंत्रता की संकल्पना को मात्र आदर्शलोक के रूप में ही देखा जा सकता है वास्तविकता तो यह है कि उनपर शक्तिशाली राष्ट्रों का नियंत्रण अभी भी बना हुआ है। विकसित राष्ट्रो द्वारा विकासशील राष्ट्रों के आंतरिक मसलों पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किए जाने वाले हस्तक्षेप को ही नवउपनिवेशवाद की संज्ञा दी जाती है।

नवउपनिवेशवादियों का मानना है कि पूर्व में उपनिवेशवादी शक्तियों ने जो आर्थिक ढाँचा बना रखा था, उनका अब भी उन उपनिवेशों पर नियंत्रण करने में प्रयोग किया जा रहा है। इस अवधारणा का प्रयोग सर्वप्रथम स्वतंत्र हुए आफ्रीकी देशों के संदर्भ में 20वीं शताब्दी के पाँचवें छठवें दशक में किया गया है। इस सिद्धांत का प्रथम उपयोग और प्रतिपादक के रूप में चाना के राष्ट्रपति क्यामे एनक्कुमा को मान्यता दी जाती है, उन्होंने 1965 में Neo-Colomalism: The Last Stage of Imperialism' नामक किताब की चर्चा की उनके अनुसार उपनिवेशवाद ने नव उपनिवेशवाद का नवीन स्वरूप धारण कर लिया है। यह साम्राज्यवाद की अंतिम स्थिति है, जैसे साम्राज्यवादी अंतिम स्थिति था।"