महात्मा गांधी : सत्याग्रह - Mahatma Gandhi: Satyagraha
महात्मा गांधी : सत्याग्रह - Mahatma Gandhi: Satyagraha
नैतिक मापदंड गांधी के आध्यात्मिक नैतिक व समाजशास्त्रीय धारणाओं के बीच अंतःसंबंध है। ईश्वर अथवा सत्य उनके चिंतन के बुनियादी आधार है। गांधीजी का समस्त दर्शन सत्य अहिंसा और लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों पर आधारित बा गांधी से पूर्व विभिन्न दार्शनिकों धर्मों व संप्रदायों ने समय-समय पर सत्य अहिंसा की रूढ़िवादी-परंपरावादी व्याख्या प्रस्तुत की है।
'सत्याग्रह' शब्द 'सत्य' और आग्रह शब्दों से बना है, जिसका अर्थ है सत्य के लिए दृढ़ता पूर्वक आग्रह करना। सत्याग्रह का शाब्दिक अर्थ है सत्य आचरण, इसलिए इसे सत्य-बल कह सकते हैं। सत्य को आत्मबल के रूप में भी समझा जाता है। यह हिंसा की उपेक्षा करता है। सत्याग्रह शब्द दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के अहिंसात्मक प्रतिरोध व अन्य लोगों के निष्क्रिय-विरोध में फर्क दिखलाने के लिए गढ़ा गया था। सत्याग्रह प्रेम पर आधारित है, पृणा पर नहीं। सत्याग्रह का आधार अपने विपक्षी को प्रेम करने और स्वयं कष्ट उठाकर उसका हृदय परिवर्तन करने में है। सत्याग्रह पाप का प्रतिरोध है. पापी का नहीं। सत्याग्रह अनुशासन की मांग करता है इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को आत्मबलिदान करना पड़ सकता है।
सत्याग्रही के लिए नियम
गांधी जी ने सत्याग्रही के लिए कुछ नियम निर्धारित किये थे, जिसका पालन करना चाहिए.
● सत्यरूपी ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास करना
● अहिंसा में विश्वास,
● ब्रह्मचर्य का पालन
• आस्तेय का व्यावहारिक प्रयोग
● अपरिग्रह
मादक द्रव्यों से दूर रहना
खादी पहनना
● अस्पृश्यता का पालन करना
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