राष्ट्रवाद का उदय और विकास - Rise and Development of Nationalism
राष्ट्रवाद का उदय और विकास - Rise and Development of Nationalism
यद्यपि राष्ट्रवाद की भावना पुरातन है तथापि यह एक आधुनिक सिद्ध है। राष्ट्रबाद के विकास का एक लंबा इतिहास रहा है। आरंभ में लोग कबीलों में रहा करते थे। इन कबीलों के आचार उदय और विचार, धर्म, व्यवहार, रीति-रिवाज प्रायः एक दूसरे से भिन्न हुआ करते थे और यह भिन्नता हो उनमें अन्य कबीलों से अलग और स्वयं में एकता के बीज को प्रत्यारोपित करती थी।
प्राचीन यूनान
कबीलाई समाज ने प्राचीन यूनानी समाज के रूप में राजनैतिक रूप अख्तियार किया ये नगस्ाज्यों में निवास करते थे। जैसा की इस इकाई में पहले भी बताया जा चुका है कि वे कई छोटे छोटे पर्वतीय प्रदेशों में रहते थे। कई समूहों में होने के कारण उनके व्यवहारों में भी अनेक विभिन्नताएँ थी जो उनके एकलव बीज का अंकुरण करती थी।
रोम साम्राज्य
आरंभ में यूनानी समाज और रोम में काफ़ी समानताएँ थी और ये भी कई समूहों में बंटे हुए थे परंतु बाद में रोम ने साम्राज्य का रूप धारण कर लिया। रोमन साम्राज्य में सांस्कृतिक विविधता काफ़ी मात्र में होने के कारण एक सार्वभौमिक शासन नीति को निर्मित किया गया. परंतु इस नीति से भी उनमें स्पष्ट तौर पर राष्ट्रवाद की भावना को तूल नहीं मिली।
मध्य युग
यह युग भी राष्ट्रवाद की भावना को उजागर कर पाने में असमर्थ साबित होता है। यह युग जमींदारों सामंतो जागीरदारों और पोप के शक्तिशाली सत्ता के अधीन रहा और इस युग का इतिहास वर्चस्व के संघर्ष तक ही सिमट कर रह गया।
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