अच्छे निवेश वातावरण के लिए सुझाव - Tips for a good investment environment

अच्छे निवेश वातावरण के लिए सुझाव - Tips for a good investment environment


विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि देश में निवेश वातावरण को उदार बनाया जाए और विदेशी निवेश में आने वाली रूकावटों को दूर किया जाए। आज सभी विकासशील देशों में से चीन, सबसे अधिक मात्रा में विदेशी पूंजी को आकर्षित कर रहा है। इसके मुख्य कारण है वहां का अच्छा निवेश वातावरण, बड़ा घरेलू बाजार बढ़ती हुई प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिक अधोसंरचना का विकास, अच्छे औद्योगिक संबंध आदि शामिल है। निम्न सुधार करके निवेश वातावरण को अच्छा बनाया जा सकता है।


1. सरकार को विदेश निवेश नीति को सरल एवं स्पष्ट करना चाहिए और विदेशी निवेशक के हित को ध्यान रखना चाहिये। विदेशी निवेशक कुछ देशों के निवेश वातावरण को काफी जटिल मानते हैं।

उदाहरण के लिए, मोटोरोला कंपनी ने अपनी कुछ परियोजनाओं जिन्हें भारत के लिए नियोजित किया गया था। उन्हें भारत की जगह चीन में लगाया, क्योंकि मोटोरोला कंपनी को चीन की सरकार का विदेशी पूंजी के प्रति दृष्टिकोण अधिक स्पष्ट लगा।


2. विकासशील देशों में आधारभूत संरचना की कमी, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में बहुत बड़ी रूकावट है इसलिए जरूरी है कि इन देशों में आधारभूत संरचना के विकास की ओर अधिक ध्यान दिया जाए।


3. खराब औद्योगिक संबंध भी विदेशी निवेशक को आकर्षित करने में बाधा उत्पन्न करते हैं। कुछ देशों में हडताल, तालाबंदी जैसी समस्याए अक्सर देखने का मिलती है। अतः जरूरी है कि इन बिगडते औद्योगिक संबंधों की ठीक किया जाए, ताकि विदेशी निवेशक इन देशों ने उद्योग लगाने के लिए आकर्षित हो ।


4. पूंजी बाजार की कुशलता, अनियमितता तथा अनुशासनहीनता भी विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बाधा हैं। स्टॉक एक्सचेंज के घोटालों से भी विदेशी निवेशक निरूत्साहित होते हैं। अतः यह जरूरी है कि वित्तीय ढांचे को सुदृढ बनाया जाए और पूंजी बाजारों को कार्यकुशल बनाया जाए तथा सरकार इस बात का ध्यान दे कि पूंजी बाजारों में घोटाले न हो।


5. राजनीतिक स्थिरता भी विदेशी निवेशक को आकर्षित करने में बाधा है। सरकार के बदलने से आर्थिक नीतियों में बार-बार बदलाव आने की संभावना रहती है। ऐसे वातावरण में विदेशी निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित नहीं समझता। अतः विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक स्थिरता अनिवार्य है।


विकासशील देशों में आर्थिक विकास के लिए विदेशी पूंजी को बढ़ावा देना जरूरी है। लेकिन साथ में यह भी जरूरी है कि विदेशी निवेश पर नियंत्रण रखा जाए। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे तेल निकालना, तेल शोधन, पेट्रोकेमिकल्स ऊर्जा उत्पादन, दूरसंचार पर्यटन आदि में विदेशी निवेश को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसा करने से विकासशील देशों के निर्यात बढ़ेंगे आयात कम होंगे तथा भुगतान शेष का घाटा कम होगा और इससे लघु उद्योगों को भी नुकसान नहीं होगा। उपभोग वस्तुओं के स्थान पर विदेशी निवेश को पूजी प्रधान उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करना चाहिए। इससे इन देशों के आर्थिक विकास में तेजी आएगी।