बैंकिंग में प्रौद्योगिकी - technology in banking

बैंकिंग में प्रौद्योगिकी - technology in banking


वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बैंक के ग्राहक तुरंत सेवा की आशा रखते हैं। इन इच्छाओं की पूर्ती हेतु बैंकों को कंप्यूटरीकृत करके ऑनलाइन कर दिया है तथा नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न सेवा प्रदान कर रहे हैं। चाहे बीमा पालिसी जमा करना हो या फिर एक जगह से दुसरे जगह पैसा भेजना हो, बैंक ग्राहकों


को ये सुविधाएँ समुचित रूप से उपलब्ध करा रहे हैं। अब इलेक्ट्रॉनिक फण्ड हस्तांतरण की सुविधा द्वारा निर्यातकों को लाइसेंस शुल्क जमा करने में सहूलियत मिल रही है।


बीमा के क्षेत्र में सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है। ऑनलाइन होने से इनकी दरें न्यून होती हैं क्योंकि एजेंट न होने तथा कागजी प्रक्रिया के कारण प्रशासनिक लागत में कमी आ जाती है। जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलता है।


बैंक अपनी वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों को विभिन्न योजनाओं इत्यादि के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराते हैं। ई-बैंकिंग के माध्यम से बैंक ग्राहकों को खता संचालन, बिलों का भुगतान, प्रतिभूति का क्रय इत्यादि सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं। ई-बैंकिंग सभी प्रकार की भौगोलिक दूरी को समाप्त करता है। ई- बैंकिंग के सुरक्षा संबंधित खतरे हैं। ट्रोजनहोर्स नमक प्रोग्राम के माध्यम से हैकर्स आसानी से के


एकाउंट के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं तथा उसका गलत उपयोग करते हैं। इसके लिए ग्राहकों को ई


बैंकिंग का उपयोग सावधानी से करना चाहिए।


ई-बैंकिंग के माध्यम से ग्राहक नई आई डी तथा पासवर्ड के माध्यम से तृतीय पार्टी हस्तांतरण द्वारा भारत के किसी भी बैंक में फण्ड का हस्तांतरण कर सकते हैं। एटीएम (आटोमेटेड टेलर मशीन) के द्वारा ग्राहक को विभिन्न प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराते हैं तथा राशि निकालने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड की सुविधा द्वारा बैंक ग्राहकों को मनचाही खरीद करने में मदद करते हैं, ई-बैंकिंग द्वारा ग्राहक अपने कार्ड के प्रयोग से कभी भी किसी भी बैंक के एटीएम के द्वारा पैसा निकाल सकते हैं।