प्रबन्धन के विस्तार - Expansion of management

प्रबन्धन के विस्तार - Expansion of management


प्रबन्धन के विस्तार का अर्थ


विस्तार का शब्दिक अर्थ किसी ढांचे अथवा भवन को सहारा देने वाले दो खंभों के बीच की दूरी से है। भवन को मजबूती प्रदान करने के लिए खंभों की दूरी न तो बहुत ज्यादा होनी चाहिए और न ही बहुत कम। यदि दूरी को ज्यादा रखा जाएगा तो अधिक खंभों की जरुरत पड़ेगी और परिणामतः भवन निर्माण की लागत अधिक प्रदान करने और लागतों को न्यूनतम रखने के लिए दो खंभों के बीच में आदर्श दूरी का होना जरुरी है।


प्रबंधन में प्रबंधन के विस्तार का अभिप्राय अधीनस्थों की उस संख्या से है

जिसे प्रभावपूर्ण ढंग से नियंत्रित किया जा सके। अर्थात ऐसा संभव नहीं है कि एक प्रबन्धक बड़ी मात्रा में अधीनस्थों का निरीक्षण कर सके। भवन निर्माण में दो खंभों की आदर्श दूरी की बात प्रबंधन में भी लागू होती है। यहां आदर्श दूरी का अभिप्राय अधीनस्थों की ऐसी संख्या से है जिससे लागतें भी कम आएं और प्रबन्ध को मजबूती भी प्रदान की जा सके। प्रबन्ध के विस्तार को नियंत्रण का विस्तार तथा निरीक्षण का विस्तार भी कहा जाता 



प्रबन्धन के विस्तार की परिभाषा मैक्फॉरलैंड के अनुसार, नियंत्रण का विस्तार अधीनस्थों की वह संख्या है जिसका एक अधिकारी निरीक्षण करता है।"


इस परिभाषा से स्पष्ट होता है कि नियंत्रण का विस्तार अथवा प्रबन्ध का विस्तार अधीनस्थों की वह संख्या है जिसका एक अधिकारी कुशलतापूर्वक निरीक्षण कर सकता है।