माध्यम, संचार, भाषा कौशल एवं रोज़गार के क्षेत्र - Media, communication, language skills and employment areas

माध्यम, संचार, भाषा कौशल एवं रोज़गार के क्षेत्र - Media, communication, language skills and employment areas

21वीं सदी में संचार माध्यमों की / के शैलियों / रूपों की भरमार के साथ, सन्देश सम्प्रेषण के सन्दर्भ / क्षेत्र में, भाषा के जुड़ाव ने रोज़गार के कई नये अवसर क्षेत्र पैदा किए हैं। अगर हिन्दी की बात करें तो, स्थिति उत्साहवर्धक है । तुलनात्मक रूप से देखें तो हिन्दी पत्र / पत्रिकाओं / रेडियो के FM (हिन्दी) चैनलों / हिन्दी- सिनेमा ( अन्य भाषाओं में उनकी डब्बिंग तथा अन्य भाषाओं से हिन्दी में डब्बिंग) / टी.वी. चैनलों / सोशल- मीडिया / वैश्विक व्यापार / सामाजिक व्यवहार आदि में हिन्दी का चलन बहुत बढ़ा है। इस सन्दर्भ में गूगल पर, भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आँकड़ों को देखें तो तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। परन्तु, हजारों की संख्या में चल रहे विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों के हिन्दी विभाग / संस्थान आदि रोज़गार क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाली हिन्दी के अध्ययन / अध्यापन का कोई मानक / व्यावसायिक शिक्षण / प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (दीर्घ / लघु) नहीं चला पा रहे। परिणामस्वरूप जनसंचार के सभी माध्यमों में हिन्दी भाषा की कई अशुद्धियाँ एवं भूलें सामने आती रहती हैं। कई मामलों में अभी भी इन हिन्दी चैनलों में प्रस्तुत की जा रही सामग्री, अंग्रेजी सामग्री का ही अनुवाद होती हैं । इस दिशा में भी, सम्बन्धित भाषाओं के ज्ञान के साथ-साथ, माध्यम / संचार / दृश्य-श्रव्य- भाषा / व्याकरण-सम्प्रेषण आदि के समन्वय की सामान्य तकनीकी जानकारी रखने वाले अनुवादक मिलना मुश्किल हैं। इस दिशा में पर्याप्त कार्य करने की आवश्यकता है।