आज़मगढ़ की बेटी को सलाम !!!
देश की दूसरी मुस्लिम आईपीएस अंजुम आरा यूपी के आजमगढ़ के छोटे से गांव कम्हरिया की रहने वाली हैं। इन्होंने जब आईपीएस बनने की ठानी तो लोगों ने हतोत्साहित किया, लेकिन हार नहीं मानी। फैमिली के सपोर्ट से अंजुम ने अपने सपनों को सच कर दिखाया। इनके पति यूनुस खान भी IAS हैं। बता दें कि इस मुस्लिम आईएएस-आईपीएस कपल ने जम्मू-कश्मीर में शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह की बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक का पूरा खर्च उठाने का भी जिम्मा लिया है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनुस खान कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर हैं और पत्नी अंजुम आरा सोलन जिले में एसपी की पोस्ट पर तैनात हैं। इस कपल का एक बेटा भी है।
अंजुम ने कहा, ''खुशदीप अपनी फैमली के पास ही रहना चाहती है। ऐसे में हम उसका घरेलू, पढ़ाई और शादी का पूरा खर्च उठाएंगे। समय-समय पर घर जाकर बेटी और शहीद की फैमिली से मुलाकात भी करेंगे। उन्हें कोई परेशानी न हो, इसके लिए कोशिश करते रहेंगे। अगर वह आईएएस-आईपीएस अफसर या किसी और फील्ड में करियर बनाना चाहती है तो इसके लिए पूरी मदद करेंगे।''
यूनुस ने कहा, ''किसी शहीद की फैमिली का दर्द असहनीय होता है, लेकिन हम इसे बांटने की कोशिश तो कर सकते हैं। बेटी के लिए बेहतर एजुकेशन का इंतजाम करना एक नागरिक के चलते हमारी ड्यूटी है। ये खुशदीप के ऊपर है कि वह गांव या कहीं और अपनी पढ़ाई पूरी करे। हम जिंदगी के फैसले लेने में भी उसकी मदद करेंगे।''
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनुस खान कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर हैं और पत्नी अंजुम आरा सोलन जिले में एसपी की पोस्ट पर तैनात हैं। इस कपल का एक बेटा भी है।
अंजुम ने कहा, ''खुशदीप अपनी फैमली के पास ही रहना चाहती है। ऐसे में हम उसका घरेलू, पढ़ाई और शादी का पूरा खर्च उठाएंगे। समय-समय पर घर जाकर बेटी और शहीद की फैमिली से मुलाकात भी करेंगे। उन्हें कोई परेशानी न हो, इसके लिए कोशिश करते रहेंगे। अगर वह आईएएस-आईपीएस अफसर या किसी और फील्ड में करियर बनाना चाहती है तो इसके लिए पूरी मदद करेंगे।''
यूनुस ने कहा, ''किसी शहीद की फैमिली का दर्द असहनीय होता है, लेकिन हम इसे बांटने की कोशिश तो कर सकते हैं। बेटी के लिए बेहतर एजुकेशन का इंतजाम करना एक नागरिक के चलते हमारी ड्यूटी है। ये खुशदीप के ऊपर है कि वह गांव या कहीं और अपनी पढ़ाई पूरी करे। हम जिंदगी के फैसले लेने में भी उसकी मदद करेंगे।''
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