वैयक्तिक अध्ययन की विषयवस्तु - Elements Of Case Study.
वैयक्तिक अध्ययन निम्न तथ्यों का किया जाता है।
1. परिचयात्मक आंकड़े :- इसके अर्न्तगत सेवार्थी का नाम, आयु, लिंग, व्यवसाय, आय, शिक्षा का स्तर, वैवाहिक जीवन आधार की स्थिति, रहने की आषाएं आदि सम्मिलित करते है।
2. समस्या का स्पष्ट चित्रण :- समस्या क्या है, समस्या का रूप क्या है, समस्या से सम्बन्धित क्या क्या शिकायतें एवं परेशानियां है, सेवार्थी संस्था में क्यों है, तथा क्या चाहता है। समस्या किस प्रकार प्रारम्भ हुई, समस्या उत्पन्न करने में कौन कौन सी दशायें थी, कौन कौन से कारण वर्तमान समय में समस्या से सम्बन्धित है। व्यक्ति की सामाजिक आर्थिक तथा सांवेगिक स्थिति पर समस्या का क्या प्रभाव पड़़ा है, समस्या के कारण सेवार्थी की दैनिकचर्या से क्या क्या परिवर्तन हुए है, आन्तरिक दोष एवं व्याधियां किस प्रकार की है तथा उनका समस्या से कितना सम्बन्ध सेवार्थी का स्वास्थ्य एवं स्नायुविक प्रक्रिया कितनी प्रभावित हुई है उसकी नींद पर क्या असर पड़ा है आदि का ज्ञान प्राप्त करते है।
3. उपचार :- सेवार्थी समस्या को लेकर कहां कहां तथा किस किस के पास गया किस प्रकार की सहायता प्राप्त की है, समस्या पर सहायता का क्या पड़ा है। सेवार्थी सहायता को किस रूप में स्वीकार किया है, उसका उसके प्रति क्या मूल्यांकन रहा है, सेवार्थी अपने पूर्व अनुभवों को वर्तमान सहायता के सन्दर्भ में किस प्रकार प्रत्युतर कर रहे है, उसने सहायता प्रदान करने वाले व्यक्यिं के सम्बन्ध किस प्रकार के स्थापित अभी तक कितना समय सहायता के लिए सेवार्थी ने व्यतीत किया है, वर्तमान समय में सेवार्थी का दृष्टिकोण क्या है, आदि का अध्ययन करते है।
4. भावनाएं तथा विचार :-सेवार्थी का समस्या के प्रति दृष्टिकोण, समस्या का संवार्थी द्वारा विश्लेषण, सेवार्थी द्वारा बताये गये समस्या के कारण, समस्या का सेवार्थी सम्बन्ध सेवार्थी की क्षमताओं एवं कमियों का अध्ययन करते है।
5. विकासात्मक स्थिति का अध्ययन :- सेवार्थी की मां की गर्भावस्था में शारीरिक एवं सांवेगिक दशाएं, महत्वपूर्ण घटनाएं, जन्मक्रम में अव्यवस्था अथवा समस्या मां में शारीरिक दोष अथवा व्याधि आदि का अध्ययन करते है। सेवार्थी की बचपन की कोई महत्वपूर्ण घटना बीमारी रोग भयानक सपने निद्रागमन व्यावहारिक दोष चारित्रिक दोष, मानसिक अक्षमताएं आदि का अध्ययन करते है। स्कूल में सेवार्थी के व्यवहार का अध्ययन करते है। पढ़ने में रूचि, सक्रियता खेल में भागीकरण, अध्यापकों से सम्बन्ध, आदर्श का रूप विद्यार्थियों से सम्बन्ध, महत्वपूर्ण घटनाएं आदि का वैयक्तिक अध्ययन का अंग होती है।
6. पारिवारिक इतिहास :- परिवार का प्रकार, परिवार का सदस्य संख्या, सेवार्थी का भाई बहनों में स्थान, माता पिता, भाई बहन, पत्नी आदि की आयु, शिक्षा, व्यवसाय, शारीरिक तथा मानसिक स्तर आदि का अध्ययन करते है। सेवार्थी का माता पिता से सम्बन्ध, माता पिता का व्यक्तित्व, माता पिता का आपस में सम्बन्ध, परिवार के अनुशासन में तरीके, परिवार का प्रभावकारी व्यक्ति तथा उसका व्यक्तित्व का अध्ययन करते है। घर की आर्थिक स्थिति, सांवेगिक स्थिति, सांवेगिक दशायें, मध्यपान आदि को जानने का प्रयत्न करते है। परिवार की सामाजिक दशाएं भी अध्ययन का विषय है।
7. वैवाहिक इतिहास :- विवाह की अवस्था, विवाह का प्रकार, पति पत्नी में लैंगिक सम्बन्ध तथा उसके प्रति सेवार्थी का दृष्टिकोण, लैंगिक बाधाएं तथा समस्याएं आदि का अध्ययन करते है। बच्चों के बारे में भी ज्ञान प्राप्त करते है।
8. व्यावसायिक इतिहास :- वैयक्तिक अध्ययन में हम सेवार्थी के व्यावसायिक इतिहास को जानने का प्रयत्न करते है। उसके पद तथा कार्य की प्रकृति, कार्य करने की अवधि, व्यावसायिक कमियां कार्य छोड़ने का कारण सहयोगी कार्यकर्ताओं से सम्बन्ध,मालिक से सम्बन्ध, वर्तमान सेवा स्थान की स्थिति, सम्बन्ध की प्रकृति तथा दृष्टिकोण कार्य की दिशायें आदि का अध्ययन करते है।
9. व्यक्तित्व की विशेषतायें :- सेवार्थी के व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताओं का विस्तृत अध्ययन करते है।
10.सेवार्थी के चेहरे का हाव भाव, शारीरिक लय, बातचीत का ढ़ग बातचीत में तारतम्यता, चिन्ता का स्तर, भग्नाशा की आशा, विचारों की तारतम्यता, दृष्टिकोण तथा निर्णय शक्ति का अध्ययन करते है।
11.समस्या का निदान :- उपलब्ध तथ्यों का मूल्यांकन करते है। मूल्यांकन के व्यापार पर समस्या का रूप निश्चित करते है, समस्या के मुख्य कारक को निश्चित करते है। तथा उपचार के उपायों की खोज करते है।
12.उपचार :- निदान के उपरान्त समस्या के उपचार का विवरण प्रस्तुत करते हैं।
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