शोध अभिकल्प - परिभाषा, अर्थ, महत्व और प्रकार - Research Design

शोध प्रक्रिया में शोध अभिकल्प का महत्व, शोध अभिकल्प

 शोध अभिकल्प - परिभाषा, अर्थ,  महत्व और प्रकार - Research Design – Definition, Meaning, Importance and Types

 शोध अभिकल्प


• किसी भी शोध को सही ढंग से पूरा करने के लिए, शोधकार्य प्रारंभ करने के पूर्व शोध की विस्तृत कार्य योजना बनना अति आवश्यक होता है। शोध का एक महत्वपूर्ण गुण उसमें उपयुक्त विधि का उपयोग किया जाना है। शोध समस्या का समाधान प्राप्त करने के लिए शोधकर्ता को एक उचित शोध अभिकल्प का निर्धारण करना पड़ता है।


• इसीलिए शोध का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण शोध अभिकल्प या डिजाइन बनाना है, जिसे शोध की रूपरेखा या “ब्लू प्रिंट" के रूप में जाना जाता है।


• उचित एवं सटीक निष्कर्षों तक पहुँचने के लिए शोध प्रक्रिया का पूर्व नियोजन अति आवश्यक है। पूर्व नियोजन की इस प्रक्रिया को शोध अभिकल्प / शोध डिजाइन/शोध प्रारूप कहते हैं।


शोध अभिकल्प समस्या से सम्बन्धित उद्देश्यों, परिकल्पनाओं से लेकर आंकड़ों के अंतिम विश्लेषण तक उन सभी क्रियाओं की योजना या रूपरेखा है जो शोध-प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने हेतु की जाती हैं। इस प्रकार यह एक व्यापक कार्य योजना हैं, जिसका अंतिम उद्देश्य अनुसंधानकर्ता को शोध प्रश्न का ऐसा उत्तर प्रदान करना है जो यथासंभव वैध, वस्तुनिष्ठ, परिशुद्ध और कम खर्चीला हो।


• एफ. एन. करलिंगर के अनुसार, "शोध अभिकल्प एक योजना, संरचना तथा रणनीति है, जिसकी रचना इस प्रकार की जाती है कि शोध सम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर प्राप्त किया जा सके।"


• पी. वी. यंग के अनुसार, “क्या, कहाँ, कब, कितना, किस तरीके से इत्यादि के संबंध में निर्णय लेने के लिए किया गया विचार अध्ययन की योजना या अध्ययन अभिकल्प का निर्माण करता है। "


शोध निर्णयों को ध्यान में रखते हुए, समग्र शोध अभिकल्प को निम्नलिखित भागों में विभाजित कर सकते हैं;


• प्रतिचयन अभिकल्प जो एक बड़ी आबादी या एक समूह से प्रतिनिधि प्रतिदर्श को प्राप्त करने की विधि से संबंधित है।


अवलोकन संबंधी अभिकल्प जिसका संबंध अध्ययन की अवधि में प्रयोग की जाने वाली अवलोकन विधियों और स्थितियों से है।


• सांख्यिकीय अभिकल्प जिसका संबंध प्रतिनिधि प्रतिदर्श के चुनाव की संख्या, एकत्रित जानकारी के वर्गीकरण और आँकड़ों का विश्लेषण की तकनीक से है।


• प्रक्रिया / परिचालन अभिकल्प इस स्तर पर प्रतिदर्श जुटाने, अवलोकन की तकनीक और परिणाम तक पहुँचने के लिए उनकी व्याख्या की रूपरेखा तैयार करी जाती है।


शोध अभिकल्प प्रस्तावित शोध की ऐसी रूपरेखा होती है, जिसे वास्तविक शोध कार्य को प्रारम्भ करने के पूर्व व्यापक रूप से सोच-समझ के पश्चात् तैयार किया जाता है। शोध की प्रस्तावित रूपरेखा का निर्धारण कई बिन्दुओं पर विचार करने के बाद किया जाता है।


• अध्ययन का प्रयोजन, सम्बंध, आँकड़ों के प्रकार की आवश्यकता, वांछित आँकड़ों का स्रोत, अध्ययन का क्षेत्र तथा समय।


निर्धारित समय में अध्ययन पूर्ण करने के लिए शोध कर्मियों तथा संसाधनों की आवश्यकता।


• प्रतिनिधि प्रतिदर्श की संख्या तथा चुनाव का आधार ।


• आँकड़ा संकलन में प्रविधि का चुनाव; विश्लेषण की विधि, विश्लेषित आँकड़ों की व्याख्या की विधि।


• क्या शोध के परिणाम जनहित, नई तकनीक के विकास या नीति बनाने में उपयोगी सिद्ध होगें?





शोध प्रक्रिया में शोध अभिकल्प का महत्व


शोध अभिकल्प से शोध कार्य को सम्पादित के लिए एक रूप रेखा तैयार हो जाती है। यह शोध प्रक्रिया को कुशल और आसान प्रगति प्रदान करता है।


• शोध अभिकल्प, शोधकर्ता के लिए समय समय पर दिशा-निर्देश का काम करता है।


शोध अभिकल्प से शोध की सीमा और कार्य क्षेत्र परिभाषित होता है।


• यह शोध प्रक्रिया में त्रुटियों को कम करने में मदद करता है।


• पूर्वाग्रह को कम करने में मदद करता है।


• एक शोध अभिकल्प के प्रयोग से सटीक और विश्वसनीय परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।


• समय की बचत होती है।


शोध प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाता है व शोध से संबंधित अनिश्चितता, भ्रम और व्यावहारिक समस्याओं को कम करने में मदद करता है। शोध अभिकल्प से शोधकर्ता को शोध को आगे बढ़ाने वाली प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान लगाने का अवसर प्राप्त होता है।


उचित शोध सामग्री के संग्रह और परिकल्पना के परीक्षण में मदद करता है।


यह बाधा निवारण का काम करती है तथा अपनी शोध प्रारूप, शोध प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों का निदान करने में शोधकर्ता की सहायता करती है।


• शोध अभिकल्प में विश्लेषणात्मक और सांख्यिकीय प्रक्रियाओं की पहचान पहले से की जाती हैं, जिनके उपयोग से आँकड़ों का विश्लेषण करना आसान हो जाता है।


• शोध अभिकल्प के कारण पूरे शोध अध्ययन की एक समग्र समीक्षा की जा सकती है।


शोध अभिकल्प के प्रकार


शोध विषय की प्रकृति, उद्देश्यों एवं परिकल्पना में अत्यधिक भिन्नता होने के कारण उनसे सम्बद्ध शोध अभिकल्प भी भिन्न होते हैं।


अन्वेषणात्मक शोध अभिकल्प (Exploratory research design)


विवरणात्मक या वर्णनात्मक शोध अभिकल्प (Explanatory or descriptive research design)


नैदानिक शोध अभिकल्प (Clinical research design)


प्रयोगात्मक शोध अभिकल्प


मात्रात्मक शोध में अध्ययन अभिकल्प


संदर्भ अवधि के आधार पर अध्ययन अभिकल्प


गुणात्मक शोध में अध्ययन अभिकल्प