मध्यकालीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of medieval Indian history

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of medieval Indian history

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of medieval Indian history

1. मध्यकालीन भारत (सल्तनत से मुगल काल तक) सतीश चंद्र जवाहर पब्लिशर्स, 2002 इस पुस्तक में लेखक ने तुकों के आक्रमण के पश्चात् भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना से लेकर खलजी, तुगलक, लोदी वंश तक के समय को दर्शाया है। 


2. मुगलकालीन भारत सतीश चंद्र जवाहर पब्लिशर्स, 2002 इस पुस्तक में मुगलों के ट्रांसक्सियाना के इतिहास में शुरू कर बाबर के भारत अभियानों व भारत विजय को बताते हुए मुगल वंश के इतिहास समाज इत्यादि का वर्णन किया है।






3. मध्यकालीन भारत भाग संपा हरिचन्द्र वर्मा, हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, 2003 इस पुस्तक में 750-1540 ई. तक के भारतीय इतिहास का वर्णन किया गया है। उत्तर भारत में हुए त्रिपक्षीय संघर्ष, दिल्ली सल्तनत के साथ ही दक्षिण भारत के इतिहास का भी वर्णन किया गया है।


4. मध्यकालीन भारत भाग II सपा हरिश्चन्द्र वर्मा, हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, 2005 इस पुस्तक में मुगल काल मराठा काल इत्यादि के वर्णन के साथ ही शासन व्यवस्था तकनीकी, शहरीकरण, वास्तुकला, चित्रकला इत्यादि पक्षों का विस्तृत वर्णन किया गया है।


5. दक्षिण भारत का इतिहास के. ए. नीलकंठ शास्त्री इस पुस्तक में दक्षिण भारत के इतिहास को प्रागैतिहासिक काल से प्रारंभ कर वर्णित किया गया है। मध्यकालीन इतिहास के संबंध में पसलकाकतीय यादव जो कि चालुक्य व चोल साम्राज्य के ध्वंसावशेष पर खड़े हुए थे, का विस्तार से वर्णन किया गया है एवं विजयनगर व बहमनी साम्राज्यों का भी वर्णन किया गया है।


6. मध्यकालीन भारत का आर्थिक इतिहास एक सर्वेक्षण झफान हबीब, राजकमल प्रकाशन, 2001 इस पुस्तक में मध्यकालीन भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं को में रेखांकित किया गया है। दिल्ली सल्तनत, विजयनगर एवं मुगल भारत की अर्थव्यवस्थाका वर्णन किया गया है। मध्यकालीन आर्थिक पक्ष को विश्लेषित करने वाला यह अत्यंत महत्वपूर्ण द्वितीयक स्रोत है।






7. मध्यकालीन भारत राजनीति, समाज और संस्कृति सतीश चंद्र ओरि 2009 800 ई. से 1700 ई. तक के काल से संबंधित यह पुस्तक दक्षिण भारत दिल्ली सल्तनत, मुगल भारत का वर्णन करती है। इस पुस्तक में समाज व राजनीति से जुड़े पहलुओं का विशद विवेचन किया गया है।


8. The Agrarian System of Mughal India (1556-1707) Irfan Habib, Oxford India Paper Backs


यह पुस्तक मध्यकालीन आर्थिक इतिहास के संदर्भ में अत्यंत महत्त्वपूर्ण द्वितीयक स्रोत है। मुगल काल के कृषि संबंधों भू-राजस्व, आर्थिक प्रणाली इत्यादि को लेखक ने प्राथमिक स्रोतों का विशद अध्ययन करके इसे द्वितीयक स्रोत के रूप में सामने रखा है। मुगल काल के आर्थिक इतिहास के संदर्भ में यह द्वितीयक खोत किसी भी अध्येता के लिए आधार का कार्य करता है।