महिलाओं से संबंधित संवैधानिक प्रावधान - Constitutional Provisions Related to Women

महिलाओं से संबंधित संवैधानिक प्रावधान - Constitutional Provisions Related to Women

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 में देश के प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है। समानता में किसी प्रकार का लिंग भेद नहीं है।


समानता स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार


महिला-पुरुष दोनों को समान रूप से दिया गया है। शारीरिक और मानसिक तौर पर नस्नारी में किसी प्रकार का भेदभाव असंवैधानिक माना गया है। हालांकि आवश्यकता महसूस होने पर महिलाओं और पुरुषों का वर्गीकरण किया जा सकता है। अनुच्छेद 15 में यह प्रावधान किया गया है कि स्वतंत्रता समानता और न्याय के साथ-साथ महिलाओं लड़कियों की सुरक्षा और संरक्षण का काम भी सरकार का कर्तव्य है। महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने हेतु भारतीय संविधान में निम्नलिखित प्रावधान दर्ज

अनुच्छेद 14 महिलाओं और पुरुषों को राजनैतिक आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है।


अनुच्छेद 15 महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करता है।


अनुच्छेद 15 (3) में जाति, धर्म, लिंग एवं स्थान आदि के आधार पर भेदभाव न करना। अनुच्छेद 16 सभी नागरिकों को रोजगार का समान अवसर प्रदान करता है।


अनुच्छेद 16 (1) में लोक सेवाओं में बिना भेदभाव के अवसरकी समानता।


अनुच्छेद 19 (1) में समान रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ।


अनुच्छेद 21 में श्री एवं पुरुष दोनों को प्राण एवं दैहिक स्वाधीनता से वंचित न करना।


अनुच्छेद 23-24 में शोषण के विरुद्ध अधिकार समान रूप से प्राप्त है।


अनुच्छेद 25-28 में धार्मिक स्वतंत्रता दोनों को समान रूप से प्रदत्त हैं।

अनुच्छेद 29-30 में शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकारा


अनुच्छेद 32 में संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

अनुच्छेद 39 सुरक्षा तथा रोजगार का समान कार्य के लिए समान वेतन भी स्थापित करता है।


अनुच्छेद 39 (घ) में पुरुषों एवं खियों दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार इसके साथ ही अनुच्छेद 35 से 50 में राज्य के नीति निर्देशक तत्व दिए ही ये महिलाओं के अधिकारोंकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका वहन करते हैं 


अनुच्छेद 51 (क) (ड) में यह निहित है कि भारत के सभी लोग ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हो। 


अनुच्छेद 33 (क) में प्रस्तावित 84वें संविधान संशोधन के जरिए लोकसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है तथा 


अनुच्छेद 332 (क) में प्रस्तावित 84वें संविधान संशोधन के जरिए राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था है।