सामाजिक एकता की विशेषताएं - Chareacteristics of Social Solidarity

 सामाजिक एकता की विशेषताएं - Chareacteristics of Social Solidarity


सामाजिक एकता प्रत्येक समाज की एक अनिवार्य आवश्यकता है। कोई भी समाज तब तक कायम नहीं रह सकता जब तक उसमें सामाजिक एकता न हो। दुखम के अनुसार सामाजिक एकता के स्वरूप में परिवर्तन होता रहता है और यह परिवर्तन सावयवी एकता एवं यांत्रिक एकता के रूप में देखने को मिलता है। सामाजिक एकता की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं


1. सामाजिक एकता एक अमूर्त तत्व (Social Solidarity is Astract Phenomena)


सामाजिक एकता अमूर्त तत्व है। इसे इसके परिणामों एवं प्रभाव के द्वारा ही जाना जाता है। सामाजिक एकता नैतिक आदर्शों एवं परंपराओं में निहित होती है। जिसे न हम देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। इसे केवल सदस्यों की मानसिक स्थिति के आधार पर अनुभव किया जा सकता है। इसलिए सामाजिक एकता की विशेषता अमूर्त तथ्य है।


2. नैतिक तथ्य (Moral Phenomena)


सामाजिक एकता को नैतिक घटना या नैतिक दशा कहा जा सकता है। इसमें व्यक्तियों के नैतिक विकास की अभिव्यक्ति होती है। ए. के. सिन्हा एवं क्लोस्टर मायर (A.K. Sinha and klostermair) के अनुसार सामूहिक एकता व्यक्तियों के नैतिक विकास की अभिव्यक्ति होती है। यह व्यक्तियों को आत्म अनुशासित बनाती है, नैतिकता के कारण मनुष्य की संतुष्टि में वृद्धि होती है।” दुर्खीम ने कहा है “सामाजिक एकता पूर्ण रूप से एक नैतिक घटना है। नैतिक एकता पारस्परिक संबंधों को घनिष्ठ बनाती है। संबंधों की विभिन्नताओं को आत्मसात करने के लिए सहिष्णुता एवं उदारता में वृद्धि करती है। दुखम के अनुसार किसी भी समाज के सदस्य जितने अधिक एक होंगे उतने ही अधिक वे पारस्परिक संबंधों की विभिन्नताओं को बनाए रखेंगे।


3. गतिशील तथ्य (Dynamic Phenomena)


दुर्खीम के अनुसार जनसंख्या के स्वरूप एवं श्रम विभाजन के स्वरूप के अनुसार सामाजिक एकता के स्वरूप में भी परिवर्तन होता रहता है। श्रम विभाजन की प्रकृति के अनुरूप ही सामाजिक एकता की प्रकृति में परिवर्तन होता है।


4. सामाजिक एकता का मापन कठिन है (Measurements Difficult)


दुर्खीम के अनुसार सामाजिक एकता के अमूर्त नैतिक एवं गतिशील होने के कारण इसका मापन कठिन है क्योंकि सामाजिक एकता अनेक तथ्यों से प्रभावित होती है और कई बार विपरीत परिस्थितियों के कारण अपने आप उत्पन्न होती है। इसलिए इसका पूर्वानुमान लगाना कठिन है।


5. सामाजिक स्वास्थ्य का प्रतीक (Sign of Social Health)


दुर्खीम के अनुसार सामाजिक एकता सामाजिक स्वास्थ्य का प्रतीक होती है। जिस समाज में एकता होती है। वहां के लोग मानसिक रूप से संतुष्ट होते हैं, व्यक्ति की मानसिक संतुष्टि उसके स्वस्थ होने का प्रमाण होती है।