लागत एवं बजटरी नियन्त्रण - Costing and Budgetary Control
लागत एवं बजटरी नियन्त्रण - Costing and Budgetary Control
इस शीर्श के अन्तर्गत लागत नियन्त्रण, सामग्री नियन्त्रण तथा अन्य अनेक व्यय नियन्त्रण विधियाँ आती है। लागत नियन्त्रण से तीन उद्देश्यों की पूर्ति होती है:
1. इससे प्रबन्ध को उचित लागत सूचनाएँ प्राप्त हो जाती हैं।
2. यह व्ययों का नियन्त्रण करने का साधन है तथा कमियों को दूर करता है।
3. अन्त में, भावी नियोजन के लिए मार्गदर्शन करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में अपवाद स्वरूप प्रबन्ध लेखाकन तथा लागतो को भलीभाँती जारी रखा है। जो व्यक्ति कार्य पर होते हैं, उनको सूचनाओं से परिपूर्ण रखा जाता है तथा लागतों और व्ययों को कम करने के अनुसार उनको भी उसी के अनुसार तैयार कर दिय जाता है।
सूचनाओं का आदान-प्रदान (Costing and Budgetary Control)- संयन्त्रों की उत्पादकता में विभिन्नताओं के अनेक कारण हो सकते है जिसमें विद्यमान संयन्त्र में, औद्योगिक क्षेत्र में अत्यधिक कुशल प्रबन्ध के साथ-साथ सूचना का आदान-प्रदान होना भी हमेशा उत्पादन वृद्धि में सहायक होता है। उत्पादकता से सम्बन्धित एंग्लो अमेरिकन परिशद अमेरिकन विनिर्माताओं द्वारा उनके तकनीकी ज्ञान के प्रयोग करने तथा अन्य विनिर्माताओं के साथ चाहें वे प्रतिस्पर्धी हो या नहीं,
उत्पादन विधियों के सम्बन्ध में चर्चा करने में तत्परता व्यक्त करने के कारण अत्यधिक प्रभावित हुए अनुसन्धान (Research) सूचनाओं के आदान-प्रदान करने का विषय अच्छे परिणामों के लिए तथा इसके उपयोग से निकट सम्बन्ध रखता है। परिणामों के प्रसार से पूर्व संगठन तथा अनुसन्धान की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है। औद्योगिक समस्यओं की जानकारी अनुसन्धान के माध्यम से उनके समाधान की खोज करने की तत्परता, अनुसन्धान के प्रति अनुसन्धान शब्द तकनीकों को खोजने से जुड़ा हुआ है कि किन्तु इस शब्द का व्यापार में उपयोग किया जाता है। इसे केवल अनुसन्धान तक ही सुरक्षित नहीं रखा गया है बल्कि लागत अनुसन्धान कार्य एवं गति अनुसन्धान आदि में भी इसका उपयोग हुआ है।
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