प्रणाली उपागम के सोपान - Steps of System Approach
प्रणाली उपागम के सोपान - Steps of System Approach
(1) आवश्यकता को परिभाषित करना
(2) उद्देश्यों का निर्धारण करना
(3) सीमाओं का विवरण
(4) समस्या समाधान के विकल्पों की खोज
(5) सही विकल्प का चयन तथा क्रियान्वयन
(6) मूल्यांकन, परिमार्जन एवं संशोधन
अनुदेशन प्रारूप के विकास की अवस्थाएँ- अनुदेशन प्रारूप का विकास निम्न अवस्थाओं के अंतर्गत किया जाता है -
1. उद्देश्यों का विश्लेषण करना सर्वप्रथम जिन छात्रों के लिए प्रारूप का निर्माण किया जाता है उनके विषय में अधिक से अधिक सूचनाएँ एकत्र कर लेना चाहिए जैसे मानसिक स्तर, रुचि, आयु योग्यताएँ, व पूर्वानुभव आदि। इसके साथ ही पाठ से संबंधित उद्देश्यों को भी निर्धारित करते हैं।
2. अधिगम हेतु प्रारूप निर्धारित करना इस चरण में विशिष्ट अधिगम उद्देश्यों, छात्र में अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन व शिक्षण अधिगम नीतियों का निर्णय लिया जाता है।
3. प्रारूप का निर्माण करना प्रारूप निर्धारित करने के बाद प्रारूप का निर्माण प्रारंभ करते हैं। शिक्षण अधिगम परिस्थिति की संपूर्ण कार्य प्रणाली का विशिष्टीकरण कर लिया जाता है।
4. प्रारूप का कार्यान्वयन प्रारूप को छात्रों पर प्रशासित करते हैं, जिससे कमियों का पता कर - आवश्यक सुधार किया जा सके।
5. प्रारूप का मूल्यांकन प्रारूप छात्रों के स्तर, योग्यता एवं निर्धारित उद्देश्यों के अनुरूप है या नहीं इसका विस्तृत विवरण प्राप्त करते हैं ।
6. समीक्षा एवं सुधार प्रारूप की प्राप्त कमियों की समीक्षा करते हुए वांछित सुधार किए जाते हैं।
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