विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का नियमन - regulation of foreign direct investment

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का नियमन - regulation of foreign direct investment


मेजबान देश व मूल देश की सरकारें तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को नियमित करती है। मेजबान देश की सरकार का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रति दृष्टिकोण धनात्मक भी हो सकता है तथा नकारात्मक भी हो सकता है। यदि मेजबान देश की सरकार को ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रति सहायतापूर्ण व उदार दृष्टिकोण अपनाती है। दूसरी ओर यदि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आगमन से घरेलू अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव, धनात्मक प्रभाव से अधिक होगें तो सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रति प्रतिबंधात्मक दृष्टिकोण अपनाती है। कई बार कुछ विदेशी व्यावसायिक इकाइयां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रूट केवल इसलिए अपनाती है ताकि निर्यात रूट पर लगने वाले टैरिफ से बचा जा सके। तब मेजबान देश की सरकार ऐसी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को अनुमति नहीं देती।

इसके अलावा मूल देश की सरकार भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रभावित करती है। यदि मूल देश की आर्थिक स्थितिया, जैसे- बचत दर, निवेश दर, पूंजी निर्माण दर, विदेशी मुद्रा की उपलब्धता आदि सुदृढ़ है तथा मेजबान देश व मूल देश के मध्य राजनीतिक संबंध मधुर हैं तो मूल देश की सरकार का विदेशी निवेश के अंतप्रवाह व बाहरी प्रवाह को नियमित करते हैं। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर कार्यरत अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थाएं, जैसे- विश्व व्यापार संगठन, अंकटाड को नियमित करते हैं। विश्व व्यापार संगठन ने सदस्य देशों के मध्य विदेशी निवेश के प्रवाह को बढ़ाने के लिए व्यापार संबंधी निवेश उपाय किए है। इसके अंतर्गत विदेशी निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए है। निवेश पर लाभ लाभांश, ब्याज, रॉयल्टी, तकनीकी फीस, मूल पूंजी आदि के प्रत्यावर्तन पर लगे प्रतिबंधों को समाप्त किया गया है।