मुआवजो के प्रकार , मुआवजा प्रणाली - Types of Compensation, Compensation System
मुआवजो के प्रकार , मुआवजा प्रणाली - Types of Compensation, Compensation System
मुआवजा प्रबंधक के अंतर्गत मुआवजे कई प्रकार के हो सकते है मुआवजा प्रणाली मुख्यता दो प्रकार की हो सकती है प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मुआवजा प्रणाली
मुआवजा प्रणाली
प्रत्यक्ष मुआवजा
० बुनियादी वेतन
• वेतन
मजदूरी
अप्रत्यक्ष मुआवजा
० प्रोत्ससाहन राशि
० अनुषंगी लाभ
० अनुलाभ
(1) प्रत्यक्ष मुआवजेः- प्रत्यक्ष मुआवजों से अभिप्राय संगठन द्वारा कर्मचारियों को उनके कार्यों के लिए दिए जाने वाले मौद्रिक लाभों से है। मौद्रिक लाभ कई प्रकार के हो सकते है जैसे- बुनियादी वेतन, घर का किराया भत्ता सुविधा भत्ता, कार्य से यात्रा भत्ता, विशेष भत्ते, बोनस, सार्वजनिक निधि में हिस्सेदारी देना आदि हो सकते है।
(2) अप्रत्यक्ष मुआवजे : - इनसे अभिप्राय उन अमौद्रिक लाभो से है जो संगठन द्वारा कर्मचारियों को उपलब्ध करवाए जाते है जैसे परिवहन सुविधाएं, बीमा आदि
वेतन
मुआवजों का सबसे महत्वपूर्ण तत्व वेतन होता है। वेतन कर्मचारियों को स्थिरता प्रदान करता है जिससे कर्मचारी अपनी रोजना की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते है।
प्रोत्साहन राशि
प्रोत्साहन राशि से अभिप्राय कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त दी जाने वाली राशि से जो कर्मचारियों द्वारा ज्यादा व कुशल उत्पादन करने पर प्रोत्साहन के लिए दी जाती है।
अनुषंगी लाभ
अनुषंगी लाभों से अभिप्राय दो प्रकार के भुगतानों से है पहला लम्बे समय के प्रभाव से जैसे भविष्य निधि, पेंशन, उपहार आदि के रूप में तथा अन्य किसी घटना के घटने पर जैसे- मेडिकल, दुर्घटना होने पर स्वास्थ्य व जीवन बीमा तथा अन्य सुविधाएं जैसे - वर्दी, कँटीन आदि लाभ पुरे समूह के लिए प्रदान किए जाते है।
अनुलाभ
अनुलाभ कर्मचारियों को कार्य पर स्थिर रखने के लिए या कार्य प्रदर्शन में अधिक सुधार के लिए सुविधाएं प्रदान करना है जैसे संगठन से कार उपलब्ध करवाना, क्लब की सदस्यता, घर की सुविधा उपलब्ध करवाना आदि ।
मुआवजा निर्धारण तत्व
कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले मुआवजें कई प्रकार के हो सकते हैं तथा मुआवजों के निर्धारण के भी कई आधार या तत्व होते हैं जिन पर मुआवजों की मात्रा निर्भर करती है। मुआवजा निर्धारण के आधार निम्नलिखित हो सकते है।
(1) कर्मचारियों की क्षमताः- कर्मचारी के चयन की प्रक्रिया में ही कर्मचारी की क्षमताओं को जांचा जाता है।
कर्मचारी की क्षमता कार्य के मांगे के अनुरूप है या नहीं, इसका पता लगाकर कर्मचारी के वेतन का निर्धारण किया जाता है।
(2) शिक्षा का स्तर:- कर्मचारी के लिए वेतन का निर्धारण करते समय संगठन द्वारा कर्मचारी की शिक्षा के स्तर को भी ध्यान में रखा जाता है। शिक्षा का जो स्तर कार्य के लिए आवश्यक है। कर्मचारी उस स्तर पर है या उससे भी उच्च स्तर है।
(3) कार्य का अनुभवः - कर्मचारी के वेतन का निर्धारण उसके कार्यों के अनुभव पर भी निर्धारित होता है। यदि कर्मचारी अनुभवी हैं तो मुआवजा ज्यादा निर्धारित होता है क्योंकि अनुभवी कर्मचारी को प्रशिक्षण की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती व वह अपने अनुभवों से संगठन के मूल्यों में वृद्धि करते हैं।
(4) कार्य की कठिनाइयां:- यदि कार्यो की प्रकृति कठिन है तो कर्मचारियों को दिए जाने वाले मुआवजे भी अधिक होंगे, क्योंकि कार्य जोखिम पूर्ण होगे ।
(5) कार्य की स्थिरता: - यदि कार्य स्थिरता की प्रकृति के है तो मुआवजों की मात्रा अधिक रखी जाएगी।
(6) विशेष दक्षताएं: - यदि कर्मचारी में कुछ ऐसी दक्षताएं है जिसके कारण वह किसी विशेष कार्य को करने में विशेषज्ञ है तथा संगठन को इन दक्षताओं की आवश्यकता है तो कर्मचारी को अधिक मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
(7) संगठन द्वारा अधिक लाभः यदि संगठन किसी वर्ष अधिक लाभ प्राप्त करता है तो कर्मचारियों उनके सहयोग के लिए अधिक मुआवजे प्रदान कर उनके कार्यों की सराहना व उनका मनोबल बढाने के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है।
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