विकेंद्रिकरण के सिद्धान्त अथवा विकेंद्रिकरण को अधिक प्रभावशाली बनाने वाले घटक - Principle of decentralization or factors that make decentralization more effective

विकेंद्रिकरण के सिद्धान्त अथवा विकेंद्रिकरण को अधिक प्रभावशाली बनाने वाले घटक - Principle of decentralization or factors that make decentralization more effective


संगठन में विकेंद्रिकरण को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए निम्नलिखित सिद्धान्तों का पालन करना जरुरी है:-


(1) अच्छे कार्य विभाजन का सिद्धान्त विकेंद्रिकरण की सफलता अच्छी भारार्पण पद्धति पर निर्भर होती है। यदि संस्था के उच्च अधिकारी भारार्पण कला का सही प्रयोग नहीं करते अथवा इसके आधारभूत सिद्धान्तों की अवहेलना करते हैं तो विकेंद्रिकरण की सारी योजना पूरी तरह विफल हो जाएगी। इसलिए यह जरुरी है कि अधिकार सौपने वाले अधिकारियों को भारार्पण कला की पूरी जानकारी हो इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।


(ii) उपयुक्त संप्रेषण एवं समन्वय का सिद्धान्त विकेंद्रिकरण की सफलता में सबसे बड़ी समस्या उस समय उत्पन्न होती है जबकि स्वतंत्र निर्णय लेने वाली सभी इकाईयां उच्च प्रबन्ध को अनदेखा करके हर बात में अपनी मनमानी करने लगती हैं। इस परिस्थिति से बचने के लिए उपयुक्त संदेशवाहन एवं समन्वय के सिद्धान्त का पालन किया जाना चाहिए।


(iii) उपयुक्त नियंत्रण का सिद्धान्त विकेंद्रिकरण का यह अर्थ कदापि नहीं कि उच्च स्तरीय प्रबंधक निम्न स्तरीय प्रबन्धकों को निर्णय लेने के अधिकार सौप दें और स्वयं अलग हो जाएं तथा वे अपनी मनमानी करते रहें।

लेकिन उस पर नियंत्रण की जरुरत होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अधीनस्थों द्वारा लिया गया प्रत्येक निर्णय संगठन के मूल उद्देश्यों के अनुरूप है, उच्च स्तरीय प्रबन्धकों को अपना नियंत्रण कायम रखना चाहिए। यहां पर नियंत्रण का अभिप्राय यह नहीं है कि उनकी दैनिक कार्यवाही में ही हस्तक्षेप होने लगे बल्कि समय-समय पर लिए गए कुछ विशेष निर्णयों पर नजर रखने की जरुरत है। नियंत्रण के उद्देश्य से अधीनस्थों की सफलता मापने का मापदण्ड स्थापित किए जा सकते हैं। अब अधीनस्थ प्रबन्धकों को यह मालूम होगा कि उन्हें निर्धारित मापदण्डों के अनुसार काम करके दिखाना है तो वे अपने काम को एक चुनौति के रूप में स्वीकार करते हुए पूरे उत्साह के साथ काम करते हैं। अतः विकेंद्रिकरण में पूर्ण नियंत्रण के स्थान पर उपयुक्त नियंत्रण के सिद्धान्त का पालन किया जाना चाहिए।


(iv) विकेंद्रिकरण कभी भी केंद्रिकरण से अलग नहीं हो सकता है इस सिद्धान्त के अनुसार संगठन एक सूत्र में बंधा है।

एक कार्यालय द्वारा ही विभिन्न विभागों की मुख्य योजनाए एवं नीतियां बनाई जाती हैं और इनके कार्यों में तालमेल बिठाया जाता है। एक शोध के अनुसार, अमेरिका की जनरल मोटर कम्पनी में 95 प्रतिशत निर्णय निम्न स्तरों पर ही लिए जाते हैं जहां उन्हें लागू करना होता है तथा केवल 5 प्रतिशत निर्णय इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि कम्पनी के अधिकांश निर्णय किसी न किसी रुप में इनसे अवश्य प्रभावित होते हैं। अतः कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय केन्द्रिय स्तर पर लिए जाने जरुरी हैं।


(v) उपयुक्त अभिप्रेरणा का सिद्धान्त विकेंद्रिकरण में अधीनस्थों एवं उच्च प्रबन्धकों के मध्य अधिक दूरी होती जाती है।

इस दूरी के कारण उन्हें निरंतर अभिप्रेरणा नहीं मिल पाती और परिणामस्वरूप उनके उत्साह में गिरावट आ जाती है। अतः विकेंद्रिकरण को सफल बनाने के लिए उच्च प्रबंन्धकों द्वारा अधीनस्थों की सफलता पर उन्हें उचित पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किया जाना चाहिए ताकि उनके उत्साह में गिरावट न आने लगे।


(vi) न्यूनतम हस्तक्षेप का सिद्धान्तः न्यूनतम हस्तक्षेप विकेंद्रिकरण का आधार होता है अर्थात अधिकार सौपने के बाद अधीनस्थों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बार-बार हस्तक्षेप करने से वे हतोत्साहित होते हैं और उनके आत्म-विकास में कमी आती है। उच्च प्रबन्धकों का हस्तक्षेप कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णयों के संबंध में ही होना चाहिए।