मॉरीशस : भौगोलिक परिचय - Mauritius : Geographical Introduction
मॉरीशस : भौगोलिक परिचय - Mauritius : Geographical Introduction
मॉरीशस अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। मार्क ट्वेन ने लिखा है, "मॉरीशस को देख कर यह विचार आता है कि पहले मॉरीशस बना और फिर स्वर्ग और स्वर्ग, मॉरीशस की एक नकल मात्र है।" यह गणराज्य हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिण-पूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य में सेंट ब्रेडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिण-पश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेन द्वीप समूह का हिस्सा है।
भौगोलिक रूप से इस द्वीपसमूह की श्रृंखला उन अंत: समुद्री ज्वालामुखीय विस्फोटों के कारण बनी हैं, जो अब सक्रिय नहीं हैं। यह ज्वालामुखीय विस्फोट अफ्रीकी प्लेट के रीयूनियन तप्तबिंदु के ऊपर सरकने के कारण हुए थे। मॉरीशस द्वीप एक केंद्रीय पठार के चारों ओर बना है, जिसकी उच्चतम चोटी पितोन डे ला पेतित रिवियेरे नोएरे 828 मीटर (2717 फुट ऊँची है, जो मॉरीशस के दक्षिण में स्थित है। पठार के आसपास, मूल गर्त पहाड़ों से अलग दिखाई पड़ता है। स्थानीय जलवायु उष्णकटिबंधीय है जो दक्षिण-पूर्व की हवाओं द्वारा परिवर्तित होती है। यहाँ मई से नवंबर तक शुष्क सर्दियाँ पड़ती हैं और नक्बर से मई का मौसम उमस भरी गर्मी का होता है।
मॉरीशस द्वीप नौ जिलों में विभाजित है :
1. ब्लैक रिवर
2. फ्लाक
3. ग्रांड पोर्ट
4. मोका
5. पैम्प्लेमूज़ेस
6. प्लाईनेस विल्हेम्स
7. पोर्ट लुई (राजधानी)
8. रिवियेरे दुरेम्पा
9. सवान्ने
हिंद महासागर का एक छोटा सा द्वीप मॉरीशस लगभग 400 वर्षों तक यूरोपीय औपनिवेशिक सत्ता के अधीन रहा है। 12 मार्च, 1968 ई. को यह स्वतंत्र होकर संयुक्त राष्ट्र संघ का 1 23 वाँ देश बना। यह विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जिसके इतिहास को हालैंड, फ्रांस, अफ्रीका, इंग्लैंड, चीन और भारत से जोड़ा जा सकता है। मॉरीशस द्वीप की बसावट मूलतः डच, फ्रांसीसी एवं अंग्रेजी औपनिवेशिक सत्ता द्वारा अपने वाणिज्यिक हितों की रक्षा के लिए की गई थी।
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