विद्यालय में सामाजिक वैयक्तिक सेवा कार्यकर्ता की भूमिका - Role Of Social Case Worker In School.


विद्यालय सामाजिक वैयक्तिक सेवा कार्य

      व्यक्ति के समाजीकरण की यद्यपि परिवार एक महत्वपूर्ण संस्था है। वह अपना प्रारम्भिक जीवन परिवार की सीमा में ही व्यतीत करता है। उसकी आवश्यकताओं की संतुष्टि भी यहीं होती है। परन्तु जैसे- जैसे वह बड़ा होता जाता है उसकी रुचि बाह्य पर्यावरण की ओर बढ़ने लगती है और परिवार के बन्धन से मुक्त होना चाहता है। वह घर की चहारदीवारी से निकल कर पड़ौस तथा किसी विद्यालय में जाना पसन्द करता है और वहाँ जाकर आनन्द प्राप्त करता है। वह विद्यालय जाने के लिए स्वयं लालायित रहता है और कभी-कभी हठ करने लगता है कि अन्य बालकों की तरह वह भी विद्यालय अवश्य जायगा। विद्यालय में उसका परिचय अनेक विद्यार्थियों से होता है तथा विचारों का आदान-प्रदान होता है। 

अतः ऐसा वातावरण तैयार करना आवश्यक होता है जिसमें वह अपना सफल समायोजन कर के तथा संवेगात्मक व बौद्धिक विकास के लिए शैक्षणिक व मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों से लाभ उठा सके।    भारतवर्ष में यद्यपि शिक्षा पद्धति में काफी अन्तर आया है परन्तु अभी भी प्राध्यापक का मुख्य ध्यान केवल बौद्धिक विकास पर रहता है तथा रटने-रटाने की प्रथा बराबर पड़ी हुई है। वैयक्तिक कमी अथवा समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। परन्तु जितना बौद्धिक विकास आवश्यक होता है उतना ही संवेगात्मक समायोजन और मानसिक विकास महत्वपूर्ण होता है।