परिवार नियोजन कार्यक्रम - Family Planning Program.
परिवार नियोजन कार्यक्रम
अधिकांश लोग अब भी परिवार नियोजन का तात्पर्य जनसंख्या नियन्त्रण से लगाते हैं। जनसंख्य नियन्त्रण एक सरकारी नीति है जिसको सामाजिक तथा आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए चलाया जा रहा है। अपने परिवार के सदस्यों की संख्या अपने साधनों के अनुसार सीमित रखने का नाम परिवार नियोजन है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार के लिए आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (1970) ने परिवार नियोजन के अन्तर्गत निम्न कार्यों को सम्मिलित किया है :
(1) जन्म में उचित समयान्तर तथा जन्म दर रोक लगाना।
(2) बच्चे विहीन परिवारों की चिकित्सकीय सुविधाएँ प्रदान करना।
(3) बच्चों की देख-रेख सम्बन्धी ज्ञान प्रदान करना।
(4) यौन शिक्षा देना।
(5) प्रजनन सम्बन्धी दोषी परिवार का स्क्रीनिंग करना।
(6) जेनटिक मंत्रणा देना।
(7) पूर्व वैवाहिक सलाह देना तथा परीक्षण करना।
(8) गर्भावस्था को टेस्ट करना।
(9) विवाह मंत्रणा देना।
(10) प्रथम बच्चे के जन्म से सम्बन्धित ज्ञान प्रदान करना तथा अन्य सुविधाएँ देना।
(11) अविवाहित माताओं को सेवाएँ प्रदान करना।
(12) गृह अर्थशास्त्र तथा पोषण सम्बन्धी शिक्षा देना।
(13) गोद लेने में सहायता करना। इस प्रकार से परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार के सदस्यों की सीमा में नियन्त्रण करना है। जिन परिवारों में बच्चे अधिक संख्या में पैदा होते हैं उन दम्पत्तियों को परिवार नियोजन करने के लिए और अवांछित बच्चों के जन्मों को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न तरीकों का ज्ञान एवं सेवा सुविधा की विशेष व्यवस्था भीपरिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत आती है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य रक्षा सम्बन्धी विभिन्न सेवाएँ प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतिरक्षीकरप, प्रसव के पूर्व, प्रसव में तथाप्रसव के पश्चात् माताओं की देख-रेख, दवाइयों काप्रबन्ध चेचक, डिप्थीरिया, काली खासी आदि के बचाव के लिए टीके लगाना तथा दवाइयाँ देना। पौष्टिक आहार की योजना भी अब इसका अंग बन गयी है।
इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती माताओं तथा शिशुओं को पौष्टिक भोजन बाँटा जाता है। इन अनेक कार्यों में वृद्धि के कारण इस कार्यक्रम का नाम बदल कर परिवार कल्याण एवं मातृ शिशु कल्याण कार्यक्रम रख दिया गया है।
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