सामाजिक आन्दोलन - Social Movement
सामाजिक आन्दोलन
सामाजिक आन्दोलन एक प्रकार का 'सामूहिक
क्रिया' है। सामाजिक आन्दोलन व्यक्तियों और/या संगठनों के विशाल अनौपचारिक
समूह होते हैं जिनका ध्येय किसी विशिष्ट सामाजिक मुद्दे पर केंद्रित होता है।
दूसरे शब्दों में ये ये कोई सामाजिक परिवर्तन करना चाहते हैं,
उसका विरोध करते हैं या किसी सामाजिक परिवर्तन को समाप्त कर
पूर्वस्थिति में लाना चाहते हैं
आधुनिक पाश्चात्य जगत में सामाजिक आन्दोलन शिक्षा के प्रसार के
द्वारा तथा उन्नीसवीं शदी में औद्योगीकरण व नगरीकरण के कारण श्रमिकों के आवागमन
में वृद्धि के कारण सम्भव हुए।
आधुनिक आन्दोलन संसार भर में लोगों को जागृत करने के लिये
प्रौद्योगिकी तथा अन्तरजाल का सहारा लेते हैं।
भारत के सामाजिक आन्दोलन के सबसे बड़े महानायक डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर
है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर का शक्तिशाली सामाजिक आंदोलन विश्व के सबसे प्रभावशाली
आन्दोलनों में से एक है तथा भारत का सबसे प्रभावशाली सामाजिक आंदोलन है। बाबासाहेब
का आन्दोलन भारत देश के पिछडे, गरीब,
शोषित, दलित लोगों को उनके सामाजिक,
आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक
विशेषत: मानव अधिकार देने के लिये था, यह भारत की सबसे
बडी सामाजिक क्रांति भी थी। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर संविधान निर्माता थे,
इसलिए उन्होंने देश शोषित लोगों उनके अधिकारों के संघर्ष किया और
उसमें सफलता पाई। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी के महाड़ सत्याग्रह या चवदार तालाब
आंदोलन, नाशिक का कालाराम मन्दिर आंदोलन और दलित बौद्ध आंदोलन प्रसिद्ध है।
विश्व के सबसे महान मानवाधिकारी आंदोलनकारीयों में डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी का
स्थान शिर्ष पर स्थान है।
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