इतिहास के द्वितीयक स्रोतों का महत्व - Importance of secondary sources of history
इतिहास के द्वितीयक स्रोतों का महत्व - Importance of secondary sources of history
इतिहास के द्वितीयक स्रोतों का महत्व - Importance of secondary sources of history
1. ऐतिहासिक महत्व के तथ्य द्वितीयक स्रोतों से प्राप्त होते हैं, न कि प्राथमिक स्रोतों से
2. व्यक्तिगत डायरियों तथा संस्मरणों से व्यक्ति के मनोभावों, प्रकृति तथा आंतरिक गहराइयों से व्यक्ति के मनोभावों का पता स्पष्ट रूप से चलता अतः मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के लिए इनसे प्राप्त सामग्री बहुत महत्वपूर्ण होती है।
3. जो सूचना साधारणतः किसी अध्ययनकर्ता को नहीं मिल सकती, वह सरकारी रिकार्ड द्वारा आसानी से प्राप्त हो जाती है।
4. आत्म कथाओं से प्राप्त सूचना विश्वसनीय व लाभप्रद होती है, क्योंकि उसके अंतर्गत विविध सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक पक्षों का वर्णन निष्पक्ष दृष्टि से किया जाता है।
5. इन स्रोतों से प्राप्त सामग्री के फलस्वरूप अनुसंधानकर्ता को समय और धन की बचत होती है।
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