सामाजिक नियोजन का उद्देश्य - Purpose of Social Planning
सामाजिक नियोजन का उद्देश्य - Purpose of Social Planning
1. सामाजिक नियोजन का उद्देश्य सामाजिक समस्याओं की पुनरावृत्ति को रोकना एवं समाज के विभिन्भागों के मध्य संबंधों का समन्वित अनुकूलन उत्पन करना है।
2. सामाजिक नियोजन का कार्य मानव जीवन को श्रेष्ठतर एवं समृद्ध बनाने के साधनों की व्यवस्था करना है।
3. सामाजिक नियोजन का कार्य हमारी संस्कृति को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित कना है।
4. सामाजिक नियोजन का उद्देश्य हमारी संस्कृति एवं सामाजिक संस्थाओं के मध्यव्यापक अंतर को दूर कमा है।
5. सामाजिक नियोजन जीवन की परिवर्तित परिस्थितियों के साथ संस्थाओं के अनुकूलन द्वारा हमारी सामाजिक संस्थाओं को हमारी भौतिक संस्कृति से पृथक करने वाली विभाजन रेखा को समाप्त करता है।
6. सामाजिक नियोजन का उद्देश्य समाज की संरचना को इस प्रकार से परिवर्तित करना है ताकि तार्किक एवं विवेकशील ढंग से निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके।
7. सामाजिक नियोजन का उद्देश्य व्यक्तियों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अधिक अवसर प्रदान करना है ताकि वे अधिक समृद्ध जीवन व्यतीत कर सकें।
8. सामाजिक नियोजन जनसमूह के कल्याण का मार्ग है अर्थात् इसका उद्देश्य समाज को और अधिक कल्याणकारी बनाना है। विद्वानों ने जनसमूह के कल्याण को नियोजित सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख आधार माना है। उनके अनुसार नियोजित सामाजिक परिवर्तन का उद्देश्य व्यक्तियों की अधिकतर इच्छाओं को पूर्ति करना तथा उन्हेंकम-से-कम निराश एवं हतोत्साहित करना है।
9. समाज में उपलब्ध भौतिक एवं मानवीय शक्तियों का अधिकतम प्रयोग करने की क्षमता में वृद्धि करना भी सामाजिक नियोजन का एक मुख्य उद्देश्य है।
10. सामाजिक नियोजन का एक अन्य उद्देश्य समाज को निश्चित दिशा की ओर ले जाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना भी है।
11. जनता के मूल्यों मनोवृत्तियों एवं विश्वासों में परिवर्तन लाना ताकि लोग समयानुकूल समाज के परिवर्तित लक्ष्यों से तालमेल रख सका।
12. सामाजिक नियोजन का उद्देश्य युद्ध क्रान्ति या बिना संकट के वांछनीय परिवर्तन लाना है। यह परिवर्तन विविध प्रकार की सांस्कृतिक मान्यताओं जैसे सांस्कृतिक एकता, परिवार नियोजन, शिक्षा की समुचित व्यवस्था, व्यवसायों की बहुलता, समान एवं अधिकाधिक अवसर प्रदान करके एवं तकनीकी का विकास करके लाया जा सकता है।
सामाजिक नियोजन का उद्देश्य व्यक्तियों में सहयोग, सहकारिता एवं सामाजिक सुरक्षा की भावनाएँ विकसित करना तथा प्रतिस्पर्द्धा एवं संघर्ष जैसी विघटनकारी शक्तियों को नियमित करना भी है।
13. न्याय, एकता, स्वतन्त्रता और अधिकारों के बीच व्यक्ति के व्यक्तित्व को यशाशक्ति विकसित होने का पूर्ण अवसर प्रदान करना है।
14. सभी प्रकार के भौतिक एवं जन साधनों का विकास करना, लोगा को सम्पूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध करना, आय में निरन्तर वृद्धि करना, आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिरता तथा आर्थिक ढाँचे में सन्तुलन बनाये रखना।
15. साम्राज्यवाद और अन्तर्राष्ट्रीय संघर्षों की समाप्ति कर सभी देशों का विकास करना।
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