प्राचीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of ancient Indian history
प्राचीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of ancient Indian history
1. प्राचीन भारत का इतिहास द्विजेद्र नारायण झा, कृष्ण मोहन श्रीमाली हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय यह पुस्तक प्राचीन भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोतों के तहत आने वाली एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखकद्वय ने प्राथमिक स्रोतों का भरपूर उपयोग कर पुस्तक की गुणवत्ता में वृद्धि की है। इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत, प्रागैतिहासिक पुरातत्व से प्रारंभ कर आय इतिहास से गुप्तन्तर काल तक के इतिहास का वर्णन किया गया है।
2. प्राचीन भारत का इतिहास एवं संस्कृति कृष्णचंद्र श्रीवास्तव यूनाइटेड बुक डिपी 2007 यह ग्रंथ आकार में अत्यंत वृहद है। प्रस्तुत पुस्तक में प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोतों की में जानकारी के साथ ही आप इतिहास से लेकर मुस्लिम आक्रमण तक के समय का वर्णन किया गया है। साथ ही दक्षिण भारत के इतिहास, धर्म तथा दर्शन आदि का भी व्यापक उल्लेख किया गया है।
3. भारतीय सामंतवाद रामशरण शर्मा, मैकमिलन पब्लिसरी, 2005 इस पुस्तक में भारत में सामतवाद की प्रक्रिया की विवेचना की गई है। गुम काल से शुरू होकर सामंतवाद की प्रक्रिया किस तरह आगे बढ़ी व विस्तृत हुई उसका विशद विवेचन इस पुस्तक में किया गया है। भारतीय इतिहास के इस महत्वपूर्ण आर्थिक पक्ष की जानकारी हेतु यह द्वितीयक स्रोत अत्यंत उपयोगी है।
4. अशोक और मौर्य साम्राज्य का पतन रोमिला थापर, ग्रंथ शिल्पी 2005 इस महत्वपूर्ण द्वितीयक स्रोत में अशोक के अभिलेखों का गहन अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक में लेखिका ने अशोक के राज्यकाल, धर्म एवं मीर्य साम्राज्य के पतन को व्याख्यायित किया है। मौर्यकाल की जानकारी हेतु द्वितीयक स्रोत के रूप में यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है।
5. प्राचीन भारत में भौतिक प्रगति एवं सामाजिक संरचनाएँ रामशरण शर्मा, राजकमल प्रकाशन 2008 इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय इतिहास की सामाजिक, आर्थिक दशा का वर्णन किया गया है। सामाजिक एवं आर्थिक दशा के अध्ययन हेतु यह द्वितीयक स्रोत अत्यंत महत्वपूर्ण है।
6. प्रारंभिक भारत का परिचय रामशरण शर्मा, ओरिएंट ब्लैकस्वान प्रारंभिक भारत के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक पक्षों का वर्णन करती है। यह पुस्तक वित्रों, तथ्यों आंकड़ों से परिपूर्ण है। द्वितीयक स्रोत के रूप में प्राचीन भारतीय इतिहास के परिचव हेतु उपयोगी
7. प्राचीन भारत में राजनीतिक विचार एवं संस्थाएँ रामशरण शर्मा, राजकमल प्रकाशन 2007- प्राचीन भारतीय राजनीतिक पक्ष एवं राजनीतिक संस्थाओं का विशद वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। राजनैतिक विचारों एवं संकलानाओं के अध्ययन हेतु यह द्वितीयक स्रोत अ महत्वपूर्ण है।
8. प्राचीन भारत रमेश चंद्र मजूमदार की यह पुस्तक 600 ई. पू. से 1200 ई. तक के कालखंड को समाहित कर प्राचीन भारत का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विवरण प्रस्तुत करती है।
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