आधुनिक भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of modern Indian history

आधुनिक भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of modern Indian history

आधुनिक भारतीय इतिहास के द्वितीयक स्रोत - Secondary sources of modern Indian history

1. भारत का स्वतंत्रता संघर्ष बिपन चंद्र मृदुला मुखर्जी, आदित्य मुखर्जी हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, 2008 प्रस्तुत पुस्तक में 1857 के विद्रोह से लेकर आजादी और भारत विभाजन तक के कालखंड का वर्णन किया गया है। साथ ही भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की दीर्घकालीन रणनीति एवं राष्ट्रीय आंदोलन के वैचारिक आयामों को भी विश्लेषित किया गया है|





2. आधुनिक भारत का इतिहास संपा, राम लखन शुक्ल हिंदी माध्यम कार्यान्य निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, 2003 इस पुस्तक में सर्वप्रथम आधुनिक भारत के इतिहास लेखन का पुनरावलोकन किया गया है। यह पुस्तक ब्रिटेन की भारत पर विजय से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक के कालखंड को समाहित करती है। आधुनिक भारतीय इतिहास के अध्ययन की दृष्टि से यह द्वितीयक स्रोत महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध कराता है।






3. भारत में उपनिवेशवाद एवं राष्ट्रवाद सपा डॉ. सत्या एम. राय, हिंदी माध्यम कार्या निदेशालय, 2004 इस पुस्तक में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के स्वरूप प्रभावों इत्यादि का विस्तारपूर्वक विवेचन किया गया है। साथ ही भारत में राष्ट्रवाद के उद्भव व विस्तार की कालक्रमिक विस्तृत विवेचना की गई है।


4. भारत, गांधी के बाद रामचंद्र गुहा पेंगुइन बुक्सर 2012 इस पुस्तक में 15 अगस्त 1947 बाद नेहरू युग का इतिहास वर्णित है। एक नवीन देश के निर्माण की परिस्थितियों चुनौतियों को समझने हेतु यह द्वितीयक स्रोत उपयोगी है।


5. भारत नेहरू के बाद रामचंद्र गुहा पेंगुइन बुक्कर, 2012- इस पुस्तक में नेहरू जी की मृत्यु के बाद से वर्तमान तक का इतिहास समेटा गया है। साथ ही दशा, राजनैतिक वर्ग, मनोरंजन इत्यादि मुद्दों को भी विश्लेषित किया गया है। समकालीन भारतीय इतिहास के अध्ययन की दृष्टि से यह द्वितीयक स्रोत महत्वपूर्ण है।






6. आजादी के बाद का भारत बिपन चंद्र हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय 2011 इस पुस्तक में राष्ट्रीय आंदोलन की विरासत एवं भारत में उपनिवेशवाद की भूमिका से प्रारंभ कर 21वीं शताब्दी के वर्तमान भारतीय इतिहास तक के कालखंड को समेटा गया है। आकार में बृहत यह ग्रंथ आजादी के पश्चात् भारत के इतिहास को समग्रता से वर्णित करता है।


7. आधुनिक भारत का आर्थिक इतिहास सव्यसाची भट्टाचार्य, राजकमल प्रकाशन, 2001 यह पुस्तक आधुनिक भारतीय इतिहास के आर्थिक पक्ष को विश्लेषित करती है। इसमें अत्यंत सरल भाषा में भूमि व्यवस्था, अकाल, विऔद्योगिकीकरण, कृषि का वाणिज्यीकरण, देशी व्यापारी वर्ग का उत्थान एवं औपनिवेशिक इतिहास लेखन के विभिन्न घरानों को विश्लेषित किया गया है। आधुनिक भारत के आर्थिक इतिहास से संबंधित सभी पहलुओं को इस द्वितीयक स्रोत में अत्यंत सरल शब्दों में एवं पूरी गहनता से विश्लेषित एवं वर्णित किया गया है।





8. प्लासी से विभाजन तक शेखर व दोपाध्याय इस पुस्तक में भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना से लेकर आजादी के काल तक को वर्णित किया गया है। यह भारत में अंग्रेजी राज्य की संपूर्ण यात्रा को वर्णित करने वाला महत्वपूर्ण द्वितीयक स्रोत है।