दीवानी/सिविल प्रक्रिया - civil/civil procedure
दीवानी/सिविल प्रक्रिया - civil/civil procedure
यदि किसी व्यक्ति के अधिकारों का किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है तो जिस व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है वह न्यायालय की शरण में जाता है। किसी भी सिविल मुकदमे को आरंभ करने से लेकर उसके निपटारे तक के लिए न्यायालय की अपनी एक प्रक्रिया होती है, क्योंकि यदि यह प्रक्रिया न हो या निश्चित न हो तो अनेको समस्याएँ आयेंगी और केस के निपटारे में असाधारण बिलंब हो सकता है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिएही सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 पारित की गई थी। इसमें न्यायालय में सिविल बाद के प्रस्तुति से लेकर निस्तारण तथा उसके बाद उसकी डिक्री के निष्पादन के लिए एक सुस्पष्ट लिखित प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है।
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