समाजशास्त्र और शिक्षा में संबंध - Relationship between sociology and education
समाजशास्त्र और शिक्षा में संबंध - Relationship between sociology and education
समाजशास्त्र में समाज और सामाजिक समूहों का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत व्यक्ति का समूह विशेष पर और समूह विशेष का व्यक्ति पर किस प्रकार प्रभाव पड़ता है इसका अध्ययन किया जाता है। इसके साथ-साथ व्यक्ति के व्यवहार निर्धारक अन्य सामाजिक तत्वों जैसे संस्कृति, सभ्यता, मूल्यों, आदि का अध्ययन किया जाता है। शिक्षा भी एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य के व्यवहार में परिवर्तन होता है। अतः शिक्षा समाजशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र में आती है और चूंकि दोनों का संबंध मानव व्यवहार से है इसलिए इनमें आपस में गहरा संबंध है।
मनुष्य के व्यवहार में क्या परिवर्तन करना है यह उस समाज के दर्शन, संरचना, सभ्यता संस्कृति धर्मिक, राजनैतिक एवं आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है और इसका समग्र रूप से अध्ययन समाजशास्त्र में किया जाता है। इस प्रकार समाजशास्त्र शिक्षा के स्वरूप को निश्चित करने का आधार होता है। दूसरी तरफ शिक्षा मनुष्य के सम्पूर्ण विकास की आधारशिला होती है। उचित शिक्षा के द्वारा ही कोई समाज ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में विकास करता है। शिक्षा के अभाव में समाज का विकास सम्भव नहीं है। इस प्रकार हम कह सकते है कि समाजशास्त्र एवं शिक्षा में गहरा संबंध है। वे एक दूसरे के पूरक है।
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