जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (जिला फोरम) - District Consumer Disputes Redressal Forum (District Forum)
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (जिला फोरम) - District Consumer Disputes Redressal Forum (District Forum)
उपभोक्ता विवाद निवारण एजेंसी के पादानुक्रम में सबसे नीचे की एजेंसी जिला फोरम है जिसकी स्थापना शिकायतों का न्यायिक निपटारा करने हेतु किया गया है जहां मुआवजा की राशि बीस लाख रूपये से अधिक नहीं होगी। सामान्यतः जिला फोरम में एक अध्यक्ष तथा दो अन्य सदस्य होते हैं। अध्यक्ष पद पर वही व्यक्ति नियुक्त होते हैं जो वत्र्तमान में या पूर्व में जिला न्यायाधीश रहे हों या उसके बनने योग्य हों और उसकी नियुकित राज्य सरकार करती है। अन्य दो सदस्य शिक्षा, व्यापार या वाणिज्य के क्षेत्र से संबंधित होने चाहिएं और इनमें से एक का महिला होना आवश्यक है। शैक्षणिक स्तर पर जिला फोरम के सदस्यों के लिए कम-से कम स्नातक होना जरूरी होगा। जिला फोरम को निष्पक्ष तथा स्वायत्त रूप से कार्य करने के लिए राज्य सरकार इसके सदस्यों की नियुकित एक चुनाव समिति के सुझाव पर करती है।
इस चुनाव समिति में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष, विधि विभाग के सचिव, राज्य के उपभोक्ता मामलों को देखने वाले विभाग के सचिव होते हैं। सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक होता है किंतु सदस्यों के पुनः उसी पद पर नियुक्ति का प्रावधान नहीं है।
जिला फोरम के न्यायिक क्षेत्राधिकार में किसी भी मामले को भेजने से पहले उस मामले की योग्यता एवं उपयुक्तता की जांच शिकायत फोरम करती है तभी जिला फोरम में शिकायत दर्ज की जाती है। लिखित शिकायत के साथ-साथ शिकायतकत्र्ता को फोरम द्वारा शिकायत दर्ज करने से पहले उपयुक्त शुल्क देना भी आवश्यक है। एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद फोरम शिकायत की एक कापी विपक्षी पार्टी को भेजता है जिसमें उसे 30 दिनों के भीतर शिकायत के प्रति जवाब देने को कहा जाता है। इसकी अवधि को अधिकतम 15 दिन और बढ़ाया जा सकता है।
सामान्यतः शिकायत के जवाब में विपक्षी पार्टी शिकायत की अवहेलना नहीं करता। इस प्रकार जिला फोरम अर्धन्यायिक फोरम की तरह निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होकर काम करता है। पार्टी के दावों एवं प्रत्यक्ष दावों की जांच हेतु फोरम जांच, परख और वैज्ञानिक मदद ले सकता है।
एक बार जिला फोरम द्वारा जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम निर्णय पर किसी दस्तवेजी साक्ष्य की उपलब्धता के आधार पर पहुंचता है। यह विपक्षी पार्टी द्वारा शिकायतकत्र्ता से एक उपयुक्त रास्ते के अंतर्गत मामले सुलझाने के लिए उचित आदेश जारी कर सकता है। जिला फोरम द्वारा प्रयोगशाला में जांच पड़ताल के बाद शिकायतकर्ता को या तो उस वस्तु की कीमत या सेवा में लगी खर्च के भुगतान के रूप में राहत दी जाती है। अधिनियम के धारा 14 के प्रावधान से अधिक की राहत जिला फोरम नहीं दे सकती है। जिला फोरम के निर्णय से असहमति रखने पर विपक्षी पार्टी इस आदेश के खिलाफ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास तीस दिनों के अंदर अपील कर सकती है। इस अवधि में राज्य आयोग उसी शर्त पर छूट दे सकता है यदि आयोग के पास इसकी देरी के लिए पर्याप्त कारण उपलब्ध हों और वो इससे संतुष्ट हो ।
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