प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमन के प्रारूप / तकनीके - Formats / Techniques for Regulation of Foreign Direct Investment

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमन के प्रारूप / तकनीके - Formats / Techniques for Regulation of Foreign Direct Investment


(1) स्वामित्व:- कुछ देशों में सरकार, विदेशी निवेशकों के समता अंशो के स्वामित्व पर अधिकतम सीमा निर्धारित कर देती है। प्राय यह अधिकतम सीमा 26 प्रतिशत, 49 प्रतिशत, 51 प्रतिशत, 74 प्रतिशत आदि होती है। कुछ व्यूहरचनात्मक क्षेत्र, जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है उन पर वहा की सरकार विदेशी निवेशकों के स्वामित्व पर रोक लगा देती है। अन्य क्षेत्रों में से जो कम महत्वपूर्ण है वहां विदेशी निवेशकों के समता अंशों के स्वामित्व की सीमा अधिक होती है जैसे - 100 प्रतिशत, 74 प्रतिशत, 51 प्रतिशत, आदि। जहां सरकार ने कठोर दृष्टिकोण अपनाना, होता है, वहा यह सीमा 26 प्रतिशत, 49 प्रतिशत या मनाही हो सकती है।


(2) प्रत्यावर्तन पर प्रतिबंध:- यदि मेजबान देश की सरकार का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रति कठोर दृष्टिकोण है तो विदेशी निवेशकों द्वारा लाभ, लाभांश, ब्याज, रॉयल्टी, तकनीकी फीस, मूल पूजी आदि अपने मूल देश में वापस ले जाने पर प्रतिबंध लगाए जाते है। यदि मेजबान देश की सरकार का दृष्टिकोण उदार है, तो प्रत्यावर्तन की स्वतंत्रता होती है।


(3) निर्यात की अनिवार्यता- कुछ मेजबान देशों की सरकार विदेशी कंपनियों पर अनिवार्य निर्यात की बाध्यता लगा देती हैं। अर्थात इन्हें मेजबान देश में किए गए कुल उत्पादन का निश्चित प्रतिशत मेजबान देश में न बेचकर निर्यात करना होता है।

इससे मेजबान देश के निर्यात बढ़ते हैं तथा घरेलू व्यावसायिक इकाइयों को भी इन विदेशी कंपनियों से कम खतरा होता है, क्योंकि ये विदेशी कंपनिया अपना सारा उत्पादन मेजबान देश के बाजार मे नहीं बेचती ।


(4) वित्तीय प्रोत्साहन कुछ देशों की सरकार विदेशी निवेश को मेजबान देश में ऐच्छिक स्थानों व ऐच्छिक क्षेत्रों में आकर्षित करने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन देती है, करो में रियायते, अनुदान, ऋणों पर ब्याज की कम दर आदि। इसी तरह यदि सरकार घरेलू निवेशकों को विदेशों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है तो यह ऐसे निवेश के लिए भी विभिन्न प्रोत्साहन देती है, जैसे विदेशों में किए निवेश पर गारंटी आवरण, बीमा आवरण, लाभांश, लाभ, रॉयल्टी, तकनीकी फीस के देश में अंतप्रवाह पर कर में छूट आदि