आधुनिक काल और स्त्री : राष्ट्रीय आंदलन और स्त्री - Modern Period and Women: National Movement and Women
आधुनिक काल और स्त्री : राष्ट्रीय आंदलन और स्त्री - Modern Period and Women: National Movement and Women
राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदलनों की मुख्यतः तीन धाराएँ भारत में रही हैं-
(1). गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस का स्वतंत्रता आंदलनों
(2). स्वदेशी क्रांतिकारियों का सशस्त्र संघर्ष
(3). कम्युनिस्टों के नेतृत्व में मजदूर किसान वर्ग का सशत्र आंदलनों
इन तीनों ही धाराओं के आंदोलनों में स्त्रियों की भागीदारी भरपूर रही है, इन सभी आंदोलनों में सभी वर्गों व जातियों की महिलाओं ने भारी संख्या में हिस्सेदारी की थी. दरअसल बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में ही भारत में एक नई स्त्री' का उदय हो गया था. यह नई स्त्री रूड़ीमुक्त, शिक्षित, सामूहिक गतिविधियों में हिस्सा लेने वाली, प्रगतिशील, घर से बाहर निकली हुई, लैंगिक समानता की पैरोकार, अपने निर्णय स्वयं लेने वाली, स्वतंत्र स्वायत्त चेतना से संपन्न स्त्री थी, जो स्वयं आंदोलनों की दें थी तथा अब आंदोलनों में कूदने को तत्पर थी. आज़ादी के आंदलनों के दौरान इस नई स्त्री की उपस्थिति हम हर जगह देखते हैं.
राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदलनों में स्त्रियों की भूमिका के एक पक्ष को निम्नानुसार देखा जा सकता
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और महिलाएँ
बंगाल विभाजन के विरोध में महिलाएँ
महिला मताधिकार का संघर्ष
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