संस्कृत के शब्दों से परिचय - संपूर्ण संस्कृत व्याकरण

संस्कृत के शब्दों से परिचय (शब्द विचार)

 संस्कृत के शब्दों से परिचय (शब्द विचार)


संस्कृत के वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण तथा अव्यय इन पाँच प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं। इस पाठ में संज्ञा शब्दों से परिचय कराया जाएगा। स्वर तथा हल् वर्णान्त संज्ञावाची शब्दों के रूपों के बारे में आगे चर्चा की जाएगी। सबसे पहले संज्ञा के साथ वर्तमान काल की क्रिया का प्रयोग करेंगे। इसके आगे तीनों वचनों तथा पुरुषों का, पुनः तीनों लिंगों का प्रयोग करेंगें। इसी प्रकार क्रमश: भूतकाल एवं भविष्यत् काल का प्रयोग करेंगें। पाँचों प्रकार के शब्दों का संक्षिप्त परिचय यहाँ दिया जा रहा है।


संज्ञा


किसी के नाम को संज्ञा कहते हैं, जैसे रामः, हिमालयः हरिः, भानुः गंगा, मति आदि। इसके लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।


सर्वनाम


कई सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है। इसमें भी प्रथमा विभक्ति होती है। इसकी कुल संख्या 35 है। संज्ञा (नाम) जिस लिंग और वचन का होता है, सर्वनाम का प्रयोग भी उसी लिंग एवं वचन में किया जाता है। सर्व, विश्व, उभ, उभय, डतर, डतम, अन्य, अन्यतर, इतर, त्वत्, त्व, नेम, सम, सिम, ( 14 ) पूर्व, पर, अवर, दक्षिण, उत्तर, अपर, अधर, (7) स्व, अन्तर, (2) त्यद्