राष्ट्रीय वृद्धजन नीति, 1999 - National Policy on Older Persons, 1999
राष्ट्रीय वृद्धजन नीति, 1999 - National Policy on Older Persons, 1999
राष्ट्रीय वृद्धजन नीति वृद्धजनों और विशेषकर निर्धन और निराश्रय लोगों की जरूरतों, सरोकारों और मुद्दों पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य समाज में उनके यथोचित स्थान का उपयोग करने और उद्देश्यपूर्ण रूप से गरिमा और शांति के साथ जीने के उनके अधिकार को मजबूती प्रदान करना है।
यह नीति वृद्ध होती आबादी के निहितार्थों को स्वीकार करती है तथा समाज के सामाजिक - सांस्कृतिक ताने बाने में तेजी से होने वाले बदलावों औद्योगीकरण, शहरीकरण, शिक्षा और मूल्यों तथा जीवन शैलियों में बदलाव के कारण वृद्धजनों की असुरक्षाओं और असहायताओं को स्पष्ट करती है।
यह नीति वृद्धजनों की वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखरेख, आश्रय और कल्याण संबंधी तथा अन्य जरूरतों के लिए सहायता पर विचार करती है। यह वृद्धजनों के पक्ष में सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत को मान्यता देती है यह आयु समेकित समाज को महत्व देती है और वृद्धजनों को एक संसाधन मानकर चलती है। यह वृद्धजनों के सशक्तिकरण का समर्थन करती है ताकि वे अपने जीवन पर बेहतर नियंत्रण हासिल कर सकें और सामाजिक विकास में समान साझेदारों के अपने को प्रभावित करने वाले मामलों में तथा अन्य मुद्दों पर निर्णय प्रक्रिया में भाग ले सकें। इसमें नीति द्वारा निर्धारित आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए राज्यनागरिकों, परिवारों, समुदायों और सामाजिक संस्थाओं के बीच सहयोगपूर्ण साझेदारी का आह्वान किया गया है। नीति में शामिल हस्तक्षेप के मुख्य क्षेत्रों और कार्य रणनीतियों में वृद्धजनों की वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखरेख और पोषण, आश्रय, शिक्षा, कल्याण और जीवन और संपदा की रक्षा शामिल है। कार्य के अन्य क्षेत्र इस प्रकार हैं: विभिन्न लाभों के लिए वृद्धजनों को पहचान पत्र जारी करना, यात्रा के सभी साधनों में किराये में रियायत, स्थानीय सार्वजनिक प्रशासन में सीटों का आरक्षण; आसानी से प्रवेश और विकास के सार्वजनिक वाहनों के डिज़ाइन में सुधार।
इस नीति के कार्यान्वयन के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अगुवाई में मई 1999 में एक राष्ट्रीय वृद्धजन परिषद (एनसीओप) का गठन किया गया। एनसीओपी एक उच्चतम न्यास है जो वृद्धजनों के लिए नीति और कार्यक्रमों के सूत्रीकरण और कार्यान्वयन में सरकार को परामर्श देने की भूमिका निभाती है। यह नीति केंद्र और राज्य सरकारों के समवर्ती दायित्व के रूप में सामाजिक सुरक्षा का अधिदेश देती है।
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