अनुशासन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - Historical background of discipline

अनुशासन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - Historical background of discipline

इतिहास में हम देखते हैं कि शुरुआत में मनुष्य स्वयं के बारे में तथा अपने पर्यावरण के बारे में जागरूकता से सोचने-समझने लगा। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न तरीके उसने ईजाद किए जिससे उसका जीवन सुखमय बनो धार्मिक युग में अलीकिकता के आधार पर मनुष्य ने संसार की में विवेचना की किंतु कालांतर में जीवनोपयोगी परिघटनाओं के अंतर्गत दर्शनशास्त्र गणित, तर्क शास्त्र आदि के संबंध में विचारों की उत्पत्ति होने लगी शुरुआती समय में दर्शनशास्त्र, जिसे ज्ञान से प्रेम करने वालों के समूह के रूप में भी जाना जाता है का उद्गम हुआ। ज्ञान के प्रेम के खातिर सुकरात को हेग्लॉक जहर पीना पड़ा तथा गैलिलिओ को फाँसी पर बढ़ना पड़ा था। इसलिए दर्शनशास्त्र को ज्ञानशाखाओं की जननी माना जाता है। बावजूद इसके साक्ष्य मिलते हैं कि पेरिस विश्वविद्यालय में 1231 में चार संकाय (Theology), चिकित्साविज्ञान, कला तथा धर्म विज्ञान (Canon Low )(Discipline Academiya),






2016 की शुरुआत हुई थी। शैक्षिक संस्थाओं में मूलतः अनुशासन शब्द का उपयोग वैज्ञानिक समुदाय द्वारा सूचना उत्पादन की में संरचना से लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्नीसवीं शताब्दी के शुरुआत में जर्मन में विश्वविद्यालयों में अनुशासन पदों का उद्गम हुआ ज्यादातर अकादमिक अनुशासनों का उभार 19 वीं सदी के मध्य तथा अंत में हुआ इसलिए यह कहा जाता है कि इस समय में विश्वविद्यालयों का धर्मनिरपेक्षीकरण हो गया। पारंपारिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ अशास्त्रीय भाषा तथा साहित्य समाज विज्ञान (राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन) तथा प्राकृतिक विज्ञान एवं तकनीकी अनुशासनों में भौतिकी, जीवविज्ञान और अभियांत्रिकी का उद्गम हुआ।









चीसवीं सदी के शुरुआत में नई अकादमिक ज्ञानशाखाओं, शिक्षण तथा मनोविज्ञान को इसके साथ जोड़ा गया। 1970-80 के आस-पास कुछ और नई ज्ञानशाखाओं का उभार हुआ जो विशेष धीम्स पर ध्यान केंद्रित किए हुए थी, इसमें शामिल हैं. मीडिया अध्ययन, स्त्री अध्ययन तथा आफ्रिकन अध्ययना इसके बावजूद ऐसे कई सारे अनुशासनों का उभार हुआ जिसके माध्यम से कॅरियर की तैयारी तथा व्यावसायिकता वाले पाठ्यक्रमों (नर्सिंग, हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट, और सुधारात्मक सेवाएं) की शुरुआत विश्वविद्यालयों में होने लगी।

अंत में, आज हम देखते हैं कि अंतर अनुशासनिक वैज्ञानिक अध्ययन की शाखाओं का विस्तार होने गा है, जिसमें बायोकेमिस्ट्री, भू-भौतिकी आदि शामिल हैं। चीसवीं सदी के दृष्टिकोण के साथ विभिन्न देशों में ज्ञानानुशासनों को वर्गीकृत किया गया। इसके अंतर्गत विज्ञान अनुशासन के अंतर्गत भौतिकी रसायनशास्त्र, जीवविज्ञान आदि को शामिल किया गया तथा समाज विज्ञान में अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाज शास्त्र एवं मनोविज्ञान को शामिल किया गया बीसवीं सदी की यह आवश्यकता बन गई कि इस वर्गीकरण को वह विस्तृत और सामान्य बनाएं क्योंकि यह वह समय था, जब विज्ञान में रुचि की कमी हो रही थी। इस कारण विद्या तथा कला प्रेमियों की भरमार बढ़ गई जिससे प्राकृतिक इतिहासवेत्ता' तथा प्राकृतिक दार्शनिक जैसे प्रचलन की शुरुआत हुई ऐतिहासिक विचारों में रूचि रखने वाले फ्रांसीसी





विद्वान मिशेल फूको अकादमिक अनुशासन की आलोचना करते हुए दावा करते हैं कि अनुशासन 18 वीं सदी में फ्रांस में स्थापित आधुनिक जेल और दंड व्यवस्था के नियंत्रण तंत्र की तरह ही सामाजिक आदोलन से उत्पन्न हुआ है और इन तथ्यों से उन आवश्यक पहलुओं का पता चलता है जिससे इसे जारी रखने की कोशिश की जा रही है विशेषज्ञता, वर्गीकरण, अनुशासन की विशेषताएं हैं यह एक पैमाने के साथ, मानकों के इर्द-गिर्द व्यक्तियों के बीच एक दूसरे के संबंधों को पदानुक्रम में बांधते हुए जरूरत के अनुसार अयोग्य एवं अमान्य के रूप में वितरित करता है।