इतिहास के स्रोत - sources of history
इतिहास के स्रोत - sources of history
इतिहास के स्रोतों की सत्यता जानने हेतु उनका दोहरा परीक्षण किया जाता है। स्रोतों से प्राप्त जानकारी, प्रमाणों के रूप में उपयोग की जा सकेगी या नहीं, इसका निर्णय करने के लिए शोधकर्ता को उस पर परीक्षण की प्रक्रिया करनी होती है। विश्वसनीयता निर्धारित करने के लिए स्रोतों पर दो प्रकार के परीक्षण अनिवार्य होते हैं।
(1) स्रोतों का ब्राह्म परीक्षण और
(2) स्रोतों का आंतरिक परीक्षण ब्राह्म परीक्षण
बाह्य परीक्षण किसी भी स्रोत की जाँच की प्रथम प्रक्रिया है। ऐतिहासिक खोत प्राप्त होने पर उसकी सत्यता परखने के लिए प्रारंभ में उन स्रोतों के विषय में स्वयं को ही कुछ प्रश्न पूछने होते हैं। उन स्रोतों की सत्यता के विषय में आशंका प्रकट कर जाँच प्रारंभ करनी होती है। आंतरिक परीक्षण
मूल स्रोतों की विश्वसनीयता निर्धारित करने की दृष्टि से बाह्य परीक्षण की तुलना में आंतरिक परीक्षण अधिक महत्वपूर्ण है। मूल सोत का लेखक काल एवं स्थल के विषय में बाह्य परीक्षण से संतुष्ट होने के बाद उसके आशय की विश्वसनीयता तय करना आंतरिक परीक्षण के अंतर्गत आता है।
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