सामाजिक विकास के संकेतक - Social Development Indicators

सामाजिक विकास के संकेतक - Social Development Indicators

सामाजिक विकास के संकेतक - Social Development Indicators

जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है कि सामाजिक विकास के अंतर्गत सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक पक्ष सम्मिलित होते हैं। सामाजिक विकास को व्याख्यायित करने में सहायक विभिन्न संकेतक निम्न विश्लेषित किए जा रहे हैं।



विकास के सामाजिक संकेतक


1. आज समाज परंपरागत के स्थान पर आधुनिक हो चुका है।


2. यदि वर्तमान समाज की वास्तविकता को खंगाला जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह समाज लोकतांत्रिक है न कि सत्तावादी


3. समाज में किसी प्रकार का धर्म आधारित संस्तरणात्मक विभेदीकरण नहीं पाया जाता है।



4. परिवार द्वारा वहाँ की जाने वाले विभिन्न दायित्वों को निभाने के लिए कई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों का विकास हो गया है यथा शिशु सदन वस्तुओं की होम डिलिवरी वृद्धाश्रम, अनाथालय, बीमा कंपनियाँ आदि।


5. समाज में व्यावसायिक और सामाजिक गतिशीलता जोरों पर है। परंपरागत जाति व्यवस्था में वह प्रतिबंधित थी।


6. समाज नगरीकृत है और सामान्य तौर पर लोगों की जीवन शैली नगरीय है। प्रायः सभी विकासशील देशों में गाँव से नगर की ओर प्रवसन तेजी से हो रहा है।


7. स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में ऊर्ध्वाधर परिवर्तन आया है।


8. मृत्यु दर में कमी आयी है और इससे शिशु और मातृ मृत्यु दर में भी कमी दर्ज की ही है।


9. जनसंख्या वृद्धि में आंशिक ही सही पर कमी अवश्य आई है। 


10. स्त्री और पुरुष साक्षारता दर में वृद्धि हुई है।



विकास के सांस्कृतिक संकेतक


1. विकसित समाजों में व्यक्ति का मुख्य लक्ष्य स्वयं की उपलब्धियों में उत्तरोत्तर वृद्धि करना और वे सामान्यतः व्यक्तवादी भौतिकवादी और लाभोन्मुखी प्रकृति के होते हैं।


2. सामाजिक विकास के साथ साथ राष्ट्रवाद और बहुलबाद भी मजबूत होता है।


3. इसी के साथ मानवाधिकार से संबंधित एजेंसियों और संस्थाओं में भी संवर्धन होता है।


4. प्रथाएँ और परंपराएँ को कम महत्व दिया जाने लगता है।



5. धार्मिक विश्वास तो जीवित रहते हैं, परंतु उनसे संबंधित क्रियाकलापा और अनुष्ठानों का हास होने लगता है।


6. लोगों के व्यवहार का निर्धारण परिस्थिति की जरूरतों द्वारा होता है। जातिवाद क्षेत्रवाद, परिवारवाद प्रजातिवाद, रूढ़िवाद, परंपराबाद आदि का प्रभाव अत्यंत कम हो जाता है। 


7. लोग विवेकी और तर्कशील हो जाते हैं।


8. विकसित समाज में व्यक्ति का अभिमुखन व्यक्ति व परिवार केंद्रित होता है न कि समुदाय अथवा समाज केंद्रित।


विकास के राजनीतिक संकेतक


1. राष्ट्र और राष्ट्रीयता का विकास होता है।


2. प्रायः विकसित और विकासशील समाओं में राजनीतिक व्यवस्था का सर्वाधिक स्वीकृत स्वरूप

लोकतांत्रिक होता है।



3. राज्य धर्म निरपेक्ष होता है और वह धर्म, जाति, क्षेत्र आदि के आधार पर भेदभाव की भावना का विरोध करता है।


4. नागरिक समाज और मानवाधिकार के प्रति चेतना समाज के विकास के साथ-साथ संवर्धित होती


5. प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त होती है। 


6. प्रत्येक नागरिक के साथ समतापूर्ण व्यवहार करने का आश्वासन देता है।