वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 - Senior Citizen Act 2007

वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 - Senior Citizen Act 2007

भारत में 2007 में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण विधेयक संसद में पारित किया गया। इसमें माता-पिता के भरण-पोषण, वृद्धाश्रमों की स्थापना, चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। साथ ही वृद्धों के कल्याण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए, जो उनमें जीवन के प्रति उत्साह उत्पन्न करे।


इसके लिए उनकी रूचि के अनुसार विशेष प्रकार की योजनाएं भी लागू की जा सकती हैं।


जैसे कि इस अधिनियम में लिखा गया है, संविधान के अधीन गारंटीकृत और मान्यता प्राप्त माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण-पोषण तथा कल्याण के लिए अधिक प्रभावी उपबंधों का और उनसे संबंधित या उनके अनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियमहै। इस अधिनियम को 29 दिसंबर 2007 से जम्मू कश्मीर के अलावा संपूर्ण भारत और साथ ही भारत के बाहर भारत के नागरिकों से पर लागू किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत कल्याण से तात्पर्य है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवश्यक आहार, स्वास्थ्य देखरेख, आमोद-प्रमोद केंद्रों और अन्य सुख-सुविधाओं की व्यवस्था करना । इस अधिनयम में निम्नलिखित बिंदु महत्वपूर्ण है


● माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण


वृद्ध आश्रमों की व्यवस्था


वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सकीय देखरेख के लिए उपबंध 


• वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा


अपराध और विचारण के लिए प्रक्रिया शांति मैत्री वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 के द्वितीय अध्याय में, जो माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक स्वयं के अर्जन से या स्वामित्वाधीन संपत्ति में से भरण पोषण नहीं कर सकते ऐसे में उनके भरण पोषण के लिए प्रावधान किया गया है। वे अपने बच्चों से अपने रखरखाव के लिए आवेदन कर सकते हैं। तृतीय अध्याय में वृद्धाश्रमों की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार प्रत्येक जिले में कम-से-कम एक वृद्धाश्रम स्थापन करेगी जिसमें न्यूनतम एक सौ पचास ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को आवास सुविधा दी जा सके, जो निर्धन है। चतुर्थ अध्याय में वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सकीय देखरेख के लिए उपबंध है जिसमें यह निहित है कि सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा पूर्णत या भागत: वित्तपोषित अस्पताल, सभी वरिष्ठ नागिकों को यथासंभव विस्तर प्रदान करेंगे उनके लिए पृथक पक्तियों की व्यवस्था चिरंतन, जानलेवा और हासी रोगों के उपचार के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएगी अनुसंधान कीए जाएंगे तथा जराचिकित्सकीय देखरेख में अनुभव रखने वाले चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता वाले प्रत्येक जिला अस्पताल में जगचिकित्सा के रोगियों के लिए निर्दिष्ट सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएगी।


अध्याय पांच में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की संक्षा के लिए प्रावधान है, इसके सुनिश्चिती के लिए राज्य सरकारें उपाय करेंगी। इसके लिए वे जनमाध्यमों के अंतर्गत व्यापक प्रचार करेगी, केंद्रीय और राज्य अधिकारियों को अधिनियम संबंधित प्रशिक्षण देना निहित है। अध्याय छह में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति होने वाले अपराध के विरुद्ध दंड का प्रावधान अपराध और विचारण के लिए प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया है।


इस अधिनियम की धारा 7 में राज्य सरकारों को भरण-पोषण के मामलों के अधिकार क्षेत्र और निबटान के लिए राज्य स्तर पर भरण-पोषण न्यायाधिकरण गठित करने का अधिकार दिया गया है, और भाग 15 में भरण-पोषण न्यायाधिकरण के आदेश के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई के लिए अपील न्यायाधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह अधिनियम राज्य सरकार को चरणबद्ध तरीके से क्षमतानुरूप हर जिले में वृद्धाश्रमों की स्थापना का दायित्व भी सौंपता है। इसके अलावा यह राज्य सरकार को इस अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु नियम बनाने की शक्तियां भी प्रदान करता है।


इस कानून के अंतर्गत जिला समाज कल्याण अधिकारी या किसी भी ऐसे अधिकारी को जो जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद से नीचे के पद का न हो, किसी भी माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक का प्रतिनिधित्व करने का और बच्चों द्वारा या न्यायसम्मत देखरेखकर्ता द्वारा भरण-पोषण या भरण-पोषण सुनिश्चित करने के अधिकार के साथ भरण-पोषण अधिकारी पदनामित करने के लिए कहता है। इस अधिकारी को इस अधिनियम के अंतर्गत गठित भरण-पोषण न्यायाधिकरण या अपील न्यायाधिकरण के सामने वरिष्ठ नागरिक का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार भी होता है। 


विभिन्न मंत्रालयों की पहल इसके बावजूद भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा वृद्धों के लिए विभिन्न तरह की विधि एवं कानून मंत्रालय केंद्र सरकार के विधि एवं कानून मंत्रालय ने भी वरिष्ठ नागरिकों को पहल की जा रही है, जो निम्नलिखित है.


निशुल्क कानूनी सहायता देने का प्रस्ताव दिया है। गृह मंत्रालय सरकारी सहायता प्राप्त विभिन्न योजनाओं तक इनकी पहुंच बनाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को स्मार्ट परिचय पहचान पत्र श्रम एवं रोजगार मंत्रालय गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा सुरक्षा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना केंद्र सरकार की योजना है, जो एक अक्तूबर, -2007 को शुरू की गई थी और इसका मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को 30 रूपए रजिस्ट्रेशन के आधार पर एक वर्ष में 30 हजार रुपए तक की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसमें कोई आयु सीमा नहीं है और पुरानी चिकित्साव्याधियों का इसके तहत उपचार किया जाता है।


कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय कार्मिक एवं पेंशनर कल्याण विभाग ने पेंशनरों को सेवानिवृति लाभ दिलाने के लिए कई प्रयास शुरू किए हैं।