राष्ट्रवाद की संकल्पना और अर्थ - Concept and Meaning of Nationalism
राष्ट्रवाद की संकल्पना और अर्थ - Concept and Meaning of Nationalism
राष्ट्रवाद राजनीतिक चिंतन तथा विचारों से संबंधित अवधारणा है। राष्ट्रवाद एक आधुनिक संकल्पना है। राष्ट्रवाद एक विश्वास, विचारधारा है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने राष्ट्र के साथ अपनी पहचान स्थापित करता है। यह उस ऐतिहासिक प्रक्रिया को प्रतिपादित करता है, जिसके द्वारा राष्ट्रीयताएँ राजनैतिक रूप से संगठित अस्तित्व प्राप्त करती हैं। इस भावना से प्रेरित होकर व्यक्ति एक निश्चित और सशक्त राष्ट्रीयता का निर्धारण करते हैं और यह पूरी प्रक्रिया एक विशिष्ट भू-भाग से संबंध रखती है।
राष्ट्रवाद मनुष्य के किसी समूह की उस आस्था को कहा जाता है, जिसके तहत वे खुद को साझा इतिहास, परंपरा भाषा, जातीयता और संस्कृति के आधार पर संगठित पाते हैं। इससे प्राप्त निष्कर्ष ही उन्हें आत्म-निर्णय के आधार पर अपने राष्ट्र की स्थापना करने की प्रेरणा देता है। राष्ट्रवाद के आधार पर बना राष्ट्र तब तक एक आदर्श लोक बना रहता है जब तक उसे एक राष्ट्र राज्य का स्वरूप नहीं मिल जाता राष्ट्रवाद मनुष्य की जन्मजात प्रवृत्तियों में से एक नहीं है, वह कई प्रवृत्तियों का परिणाम है। मनुष्य कई लोगों के साथ समूह में रहना चाहता है, वह उनके साथ सहयोग करता है संघर्ष करता है और सदैव अपनी आत्मरक्षा के लिए तत्पर रहता है।
यदि सामान्यता में व्यक्त करें तो ये सारी प्रवृत्तियाँ राष्ट्रवाद के अंतर्गत निहित होती हैं। राष्ट्रबाद के कई स्वरूप होते हैं. ये स्वरूप स्थान विशेष के आधार पर होते हैं, यथा- जर्मनी का राष्ट्रबाद जातीयता से संबंधित है इंग्लैंड और अमेरिका का राष्ट्रवाद सामाजिक उद्देश्यों राज्य और संविधान के प्रति निष्ठा से संबंधित है अरब देशों का राष्ट्रवाद अरब एकता से संबंधित है पाकिस्तान का राष्ट्रवाद काफ़ी हद तक मुस्लिम धर्म के समन्वय से संबंधित है और भारत का राष्ट्रवाद (स्वतंत्रता पूर्व विदेशी शासन से मुक्ति से संबंधित था। स्वतंजा के पश्चात यह देश की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उन्नति से संबंधित हो गया। अतः उक्त वर्णित राष्ट्रवाद की भावनात्मक यात्रा से यह बात तो स्पष्ट है कि राष्ट्रवाद का अभिप्राय स्थान परिस्थिति और समूह विशेष के सापेक्ष निर्धारित होता है और परिवर्तित होता है।
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