सोरोकिन के समाजशास्त्र पर विचार - Sorokin's Thoughts on Sociology
सोरोकिन के समाजशास्त्र पर विचार - Sorokin's Thoughts on Sociology
समाज शास्त्रीय सोरोकिन ने समाजशास्त्र को विशेष या स्वतंत्र विज्ञान नहीं मानकर एक समान विज्ञान माना है आपके अनुसार समाजशास्त्र जीवन की सामान्य घटनाओं का अध्ययन करने वाला विज्ञान है इसके द्वारा सामाजिक सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया जाता है। अध्ययन सामग्री की दृष्टि से समाजशास्त्र अन्य विज्ञानों से सहायता प्राप्त करता है। साथ ही यह शास्त्र विभिन्न सामाजिक विज्ञानों के बीच संबंध स्थापित करने और उन्हें पूर्णतः प्रदान करने में योग देता है। आपकी मान्यता है कि समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञानों के बीच घनिष्ट संबंध पाया जाता है। ये एक दूसरे से कॉफी कुछ लेते देते है। अतः ये परस्पर निर्भर रहते है।
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