मैक्स वेबर जीवन परिचय एवं कृतियाँ - Max Weber Biography and Works

 मैक्स वेबर जीवन परिचय एवं कृतियाँ - Max Weber Biography and Works


आधुनिक समाजशास्त्रीय विचारक में मैक्स वेबर का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे एक राजनीतिक  अर्थशास्त्री एवं समाजशास्त्री थे। ना केवल जर्मन में बल्कि संपूर्ण विश्व में सामाजिक विचारधारा के क्षेत्र में उनकी अनुपम देन रही है। अत्यंत कम आयु में ही उन्होंने असाधारण रूप से प्रतिष्ठा प्राप्त की थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी रचनाओं से उनकी विद्वता एवं बौद्धिक शक्ति का परिचय मिलता है। एलेक्स इंकेल्स(Alex Inkels) ने अपनी पुस्तक व्हाट इज सोशियोलॉजी (What is Sociology) में लिखा है कि उनकी शैली चिंतन शक्ति एवं बौद्धिक क्षमता आदि ने उन्हें समाजशास्त्र का संस्थापक जनक बना दिया है। किंग्सले डेविस ने इन्हें आधुनिक समाजशास्त्र का जनक कहा है।


जीवन परिचय


मैक्स वेबर का जन्म 21 अप्रैल 1864 को जर्मनी के बर्लिन में स्थित इरफूट थूरीगिया नामक स्थान पर एक धनाढ्य परिवार में हुआ था।

यह अपने पिता की सबसे बड़ी संतान थे। उनके बाबा बीलिफैल्ड कैंट में कपड़ों के एक प्रमुख व्यापारी थे। जिन्हें कैथोलिक सेल्जवर्ग से प्रोटेस्टैंट विचार रखने के कारण निकाल दिया गया था। उनके एक लड़के ने व्यापार की देख रेख की जबकि दूसरे लड़के याने वेबर के पिता, कुछ समय के लिए बर्लिन की नगर सरकार में कार्यरत थे। बाद में उन्होंने इस इरफ्रूट में एक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और इसी स्थान पर वेबर का जन्म हुआ।


उन्होंने असाधारण रूप से बहुत ही कम आयु में जितनी प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली थी उस तरह का उदाहरण संसार में विरले ही मिलता है। टालकॉट पारसंस ने लिखा है कि "मैक्स वेबर ना सिर्फ एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे बल्कि एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के अधिकारी भी थे लेकिन इनकी सबसे बड़ी विशिष्टता उनकी पांडित्य पूर्ण उपलब्धियों में अंतर्निहित है।” बोगार्डस का कथन है कि मैक्स वेवर ने अपनी विचारधारा में सैद्धांतिक व्यावहारिक दृष्टिकोण को इस तरह समन्वित कर लिया था कि उनके लिए मानव व्यवहार का ठोस तथा अर्थपूर्ण व्याख्या करने पर जोर देना आसान हो गया।” यह एक सच्चाई है कि मैक्स वेबर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।


 शैक्षणिक जीवन


वेबर अपने बाल्यकाल से ही बुद्धिमान और अत्यधिक परिश्रमी थे। उनके पिता जर्मनी के नेशनल लिबरल पार्टी के प्रतिष्ठित सदस्य थे। इस नाते आपके परिवार में प्रतिष्ठित व्यक्तियों का आना जाना लगा रहता था इसलिए वेबर को बचपन से ही कानून एवं राजनीति के संबंध में ज्ञान प्राप्त होने लगा था और उस समय के प्रसिद्ध इतिहासकार प्रेक्षक रेट ट्रेट्षक, साइबल, डिलथे और मॉमसेन के संपर्क में आए। बाल्य अवस्था से ही पड़ने वाले इस सकारात्मक प्रभाव को मैक्स वेबर अपने वयस्क जीवन में भी ना टाल सके। इस तरह कुछ प्रतिष्ठित नेताओं के संपर्क में रहकर इधर-उधर घूमने और देखने से वेबर को महत्वपूर्ण एवं नई बातें सीखने को मिली। नवीन बातों को जानने की इच्छा सदा ही उनके मन में आया करती थी। इस जिज्ञासा से प्रेरित होकर मैक्स वेबर अपना समय पुस्तकों के अध्ययन में ही व्यतीत करते थे। 13 वर्ष की आयु में उन्होंने एक ऐतिहासिक निबंध को इतने सुंदर ढंग से लिखा कि उसे पढ़कर लोग आश्चर्य चकित रह गए और बालक की भावी जीवन की झलक उसी के माध्यम से देख ली। 14 वर्ष की आयु में ही आप अपने पत्रों में होमर, वीर गिल, सिसरो एवं लीवी जैसे विद्वानों का उल्लेख करने लगे वे अपने मित्रों को स्कॉट के उपन्यास पढ़ने की प्रेरणा देते थे। मात्र 13 वर्ष की आयु में ही अपने ऐतिहासिक लेखों को लिखना शुरू कर दिया था तथा 15 वर्ष की आयु में वेबर एक होनहार विद्यार्थी के रूप में उभरे।

परीक्षा के समय वेबर अपने सहपाठियों की काफी सहायता किया करते थे। विश्वविद्यालय में प्रवेश के पूर्व भी आपको स्पाइनोजा तथा कांट जैसे विद्वानों की विचारों का काफी ज्ञान हो गया था 117 वर्ष की आयु में स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात 18 वर्ष की आयु में आपने हैडलबर्ग विश्वविद्यालय में अपने पिता की रूचि के अनुसार कानून विषय को चुना। यहां पर आपने इतिहास, दर्शन शास्त्र, तर्कशास्त्र, अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। तीन सत्र के अध्ययन के बाद 19 वर्ष की आयु में हैडलबर्ग से स्ट्रासबर्ग चले गए जहां पर एक सैनिक जीवन का प्रशिक्षण लिया। 1884 में एक वर्ष का सैनिक जीवन समाप्त करने के पश्चात वर्ष21 की आयु में बर्लिन तथा गोटिंग में पुनः विश्वविद्यालयीन अध्ययन प्रारंभ किया। 1886 याने 22 वर्ष की उम्र में आप ने कानून की उपाधि प्राप्त की। 1889 इन्होंने मध्ययुगीन व्यापारिक संगठनों के इतिहास के लिए एक देन' नामक शोध कार्य कानूनी परिपेक्ष में प्रस्तुत किया इसी विषय पर उन्हें पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई। 


पारिवारिक जीवन


मैक्स वेबर की माता हेलेन फालेनस्टीन (Helene Fallenstein) भी वेबर के पिता जैसी सामाजिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से थी। उनकी मां की मानवीय और धार्मिक दृष्टिकोण संबंधी विचार उनके पति से मेल नहीं खाते थे क्योंकि वे प्रोटेस्टेण्ट धर्म के समर्थक थे।


मैक्स वेबर के पिता एक प्रतिष्ठित उदारवादी राजनैतिज्ञ थे। उनके यहां प्रमुख राजनीतिज्ञों का आना जाना लगा रहता था। इससे मैक्स वेबर को उनकी संपर्क में रहने तथा उनकी भावनाओं और विचारों से अवगत होने का मौका मिलता था। इसके अतिरिक्त वह अपने पिता के साथ भी यहां वहां जाते रहते थे इसका परिणाम यह हुआ कि बचपन से ही उन्हें बौद्धिकता का विकास हुआ। मैक्स वेबर की माता की उच्च घर आने की महिला थी वेबर का लालन-पालन एक ऐसे परिवार में हुआ जिसमें शिक्षा संपन्नता और राजनीतिक वातावरण मौजूद था वेबर की माता में आर्थिक प्रतिबद्धता तथा कर्तव्य परायणता की भावना बहुत अधिक थी जबकि इनके पिता की वैयक्तिक नैतिकता प्रोटेस्टेंट के बजाय सुखवादी थी। आपके माता-पिता का वैवाहिक जीवन प्रकट रूप से सुखी मालूम होता था परंतु तनावपूर्ण था, यह बात बच्चों से छिपी नहीं थी इसलिए वेबर का जीवन आंतरिक तनाव से युक्त उलझन पूर्ण जाल था। वेबर के पिता अपने घर को एक मजबूत सत्ताधारी के रूप में चलाते थे उनका परिवार में कठोर अनुशासन था वेबर की माता ने उन्हें अपनी और रखने और उनमें धर्म परायणता के गुण भरने का पूरा प्रयत्न किया लेकिन वेबर ने अपने युवा काल में पिता के साथ तादात्म्य स्थापित कर लिया। वेबर के विकास पर उनके चाचा चाची हरमन बॉमगार्टन का प्रभाव पड़ा वेबर के लिए ये द्वितीय वेदवती माता पिता के समान थे।

बॉम गाटन एक उदारवादी व्यक्ति थे और उनकी पत्नी इडा जो कि मैक्स वेवर की माता की बहन थी काफी धर्म परायण और धार्मिक सिद्धांतों के प्रति लगाव रखने वाली थी। वह ओजस्वी और प्रभावी महिला थी। इडा के प्रभाव से वेबर की रूचि धार्मिक अध्ययनों में विशेष रूप से हुई वेबर उनके व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे। इडा अपनी गृहस्थी के संचालन में धार्मिक मान्यताओं को महत्व देती थी । उनमें सामाजिक दायित्व की भावना बहुत दृढ़ थी इसलिए वह अपना अधिकतर समय परोपकारी कार्यों में लगाती थी। वेबर मौसी और माता के मूल्यों और विचारों के प्रशंसक थे प्रोटेस्टेंट सदाचार के प्रति वेबर की मन में गहन श्रद्धा के भाव थे वे ऐसे व्यक्तियों के प्रति आदर का भाव रखते थे जो अपने नैतिक दर्शन के अनुसार वास्तविक जीवन बिताते हैं इसलिए वेबर अपने मौसा मौसी बॉमगार्टन दंपत्ति की नैतिक कट्टरता से प्रभावित थे। अपनी मौसी अर्थात मैक्स वेबर की मां की बहन के परिवार में रहने के कारण वेबर अपनी माता के व्यक्तित्व और विशेषता, धार्मिक मूल्यों को अधिक अच्छे से समझ पाए थे इस कारण वे अपनी माता के प्रति पिता के असंगति पूर्ण व्यवहार का विरोध करने लगे थे।


वेबर का प्रथम प्रेम बॉमगार्डन की लड़की एमपी से था 6 वर्ष तक रहा और इस अवधि में यह संबंध काफी तनावपूर्ण रहा क्योंकि एमपी का स्वास्थ्य भौतिक एवं और मानसिक दृष्टि से गिरा हुआ था आखिर मैक्स वेबर ने एमपी के साथ अपना सगाई संबंध तोड़ दिया था।

बाद में सन 1893 में वेबर के पिता की बड़ी भांजी 21 वर्षीय मेरियन जब वायलिन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आई थी तो उसे वेबर से प्यार हो गया था और उन 1893 में दोनों का विवाह हो गया हालांकि इस विवाह का उसके दोस्तों ने विरोध किया था और इसके विरुद्ध अदालत में मुकदमा भी दायर किया था।


जहां तक मैक्स वेबर के जीवन का सवाल है यह कहा जाता है कि जीवनपर्यंत अनेक कारणों से तनावग्रस्त रहे। वेबर एक बहुत बड़े विद्वान थे इसमें कोई संदेह नहीं। जब वह हाइडेलवर्ग विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे। तब कुछ गलत लोगों के संगति में पड़कर उन्होंने खाने पीने और मौज मस्ती का जीवन अपना लिया था। इस तरह एक बौद्धिक युवक दिखावा पसंद युवक के रूप में बदल गया था। इस संबंध उन्होंने स्वयं लिखा है कि “वास्तव में में एक विद्वान नहीं हूँ। मैं वैज्ञानिक कार्य मुख्य रूप से अपने मनोविनोद के समय मे करता हूँ। व्यवहारिक रूप में सक्रिय रहने की भावना से मैं किसी प्रकार पीछा नहीं छुडा सकता। मैं आशा करता हूं कि अध्यापक के पेशे में केवल शिक्षण का पक्ष ही मेरी इस उत्कृष्ठ अभिलाषा को पूरा कर सकेगा।" इस तरह से पता चलता है कि उनके चरित्र का एक दुर्बल पक्ष भी था फिर भी वे एक महान विद्वान थे। उन्होंने स्वयं अपनी जीवनी प्रकाशित नहीं की बल्कि उनकी पत्नी ने उनकी जीवनी लिखी और प्रकाशित करवाई और यह अंश उसी का एक भाग हैं।


14 जून 1920 में म्युनिख में निमोनिया से पीड़ित होने के कारण मैक्स वेबर का 56 वर्ष की आयु में देहांत हो गया था। जीवन की यह कैसी विडंबना है कि जब तक मैक्स वेबर जीवित थे जर्मनी में उनकी प्रतिष्ठा एक सामान्य व्यक्ति के ही जैसी थी। मृत्यु के पश्चात जर्मनी ही नहीं बल्कि संपूर्ण यूरोप और अमेरिका में उनकी इज्जत बहुत अधिक बढ़ गई।

जीवन में जो ऊंचाई उन्हें कभी नहीं मिली मृत्यु के बाद यह कई गुना बढ़ गई। डोनाल्ड का कथन था कि इसका कारण वेबर द्वारा रचित साहित्य का भंडार है।


आर्थिक जीवन


मैक्स वेबर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके स्वास्थ्य ने उन्हें आर्थिक रुप से झकझोर दिया था और स्वस्थ होने वे पुनः हाइडेलबर्ग विश्वविद्यालय में आ गए थे। यहां पर भी उनका स्वास्थ्य इतना अच्छा नहीं था कि वे संतोषजनक रूप से व्याख्यान दे सकें। 1907 में उन्हें अपने परिवार से विरासत में भारी धन राशि मिली। इस धनराशि में उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया था। इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य बंद किया और अपना सारा समय लेखन कार्य को दिया जो जीवन पर्यंत जारी रहा। वेबर के जीवन काल में यूरोप में पहला विश्व युद्ध हुआ। युद्ध की अवधि में वेबर में एक राजनीतिक लेखक के रूप में अत्यधिक सम्मान प्राप्त किया और इसी समय मे वे सैनिक चिकित्सालय प्रशासन से जुड़ गए और यहां के अनुभव ने उन्हें नौकरशाही पर काम करने के लिए प्रेरित किया। 17 वर्ष की आयु में उन्होंने स्कूली शिक्षा प्राप्त कर कानून की शिक्षा के लिए हाइडेलबर्ग विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। 1883 में सैनिक प्रशिक्षण के लिए सेना में भर्ती हुए। बाद में वेबर ने बर्लिन विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त की।