सामाजिक व्यवस्था की परिभाषा - definition of social order

सामाजिक व्यवस्था की परिभाषा - definition of social order


पारसन्स ने सामाजिक व्यवस्था की व्याख्या करते हुए लिखा है कि इसका विकास तब होता है जब कि एक भौतिक पक्षवादी सामाजिक परिस्थिति तथा आज द्वारा स्वीकृत सांस्कृतिक प्रतीकों की एक व्यवस्था के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कर्ता अपने आदर्शों की प्राप्ति के लिए क्रियाएँ करने में संलग्न रहते हैं। पारसन्स ने सामाजिक व्यवस्था की जो परिभाषाएँ दी हैं वे निम्नलिखित हैं- 


(1) “सामाजिक व्यवस्था आवश्यकत रूप में अंतः क्रियात्मक संबंधों का है।"


(2) “क्रिया के तत्वों की एक संगठित प्रणाली जो बहुसंख्यक अंतः आत्मक कर्ताओं से संबंधित है, सामाजिक व्यवस्था है।"


(3) सामाजिक व्यवस्था अंतः क्रिया करने वाले सदस्यों की एक प्रतिनित व्यवस्था है, यह विभिन्न वैयक्तिक कर्ताओं की अंतः क्रियाओं का एकीकृत रूप है। जिनके पारस्परिक संबंध सामाजिक संरचना के लिए दिशा निर्देशन काम करते हैं और जिसके परिणामस्वरूप की व्यवस्था का जन्म देता है।"

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यह हम पारसन्स के द्वारा दी गई सामाजिक व्यवस्था को उपर्युक्त परिभाषाओं विवेचना करें तो स्पष्ट होता है कि प्रत्येक समाज में खुद निश्चित प्रतीक।