धर्मनिरपेक्षता का अर्थ - Meaning of Secularism

 धर्मनिरपेक्षता का अर्थ - Meaning of Secularism


धर्म विहीनता यह धर्मनिरपेक्षता का तात्पर्य नहीं है। बल्कि सभी धर्मों में सम्मिलित आदर्श विचार, मूल्य तत्व का अपने जीवन में अंगीकृत करना है। धर्मनिरपेक्षता मानव के नैतिक, चारित्रिक विकास के लिए सर्वधर्म समभाव का दृष्टिकोण विकसित करता है। वर्तमान लोकतान्त्रिक व्यवस्था में धर्म निरपेक्षता यह महत्वपूर्ण संप्रत्यय है। धर्मनिरपेक्षता को अंग्रेजी में सेक्युलरिज्म (Secularism) कहा जाता है। 'सेक्युलरिज्म' (Secularism) शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के सेकुलम' (Seculme) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ वर्तमान संसार या कालिक जगत है। अर्थात धर्मनिरपेक्षतावादी पारलौकिकता जैसे- आत्मा, परमात्मा, अमरता आदि पर विश्वास नहीं रखते है किन्तु वर्तमान सांसारिक जीवन या लौकिकता जैसे- मानव प्रेम, सहयोग, सहजीवन, दया, क्षमा, शांति आदि मानवीय मूल्यों में विश्वास करते है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (रिकवरी ऑफ़ फेथ) के अनुसार, “धर्मनिरपेक्षता भारत की प्राचीन धार्मिक परंपरा है। यह व्यक्तिगत गुणों को समुदाय के सदस्यों के अधीन मानने के स्थान पर उनमे परस्पर सामंजस्य स्थापित करके धर्मपरायण व्यक्तियों में एकता अथवा सौदरः उत्पन्न करने का प्रयास करता है।”


“धर्मनिरपेक्षता वह विश्वास है जो राज्य, नैतिकता और शिक्षा को धर्म से स्वतंत्र रखता हो "

(चेम्बर्स शब्दकोश)


“धर्मनिरपेक्षता वह विश्वास है जो धर्म और धर्म के प्रसारक को राज्य की कार्योसे स्वतंत्र रखता हो"

(वेबस्टर शब्दकोश)


“धर्म निरपेक्षता, धार्मिकता को प्रश्रय नहीं देता है, अपितु उससे यह प्रतिध्वनित होता है कि राज्य किसी विशेष धर्म द्वारा शासित नहीं होगा। वस्तुतः धार्मिक सहिष्णुता एवं तटस्थता का दूसरा नाम धर्मनिरपेक्षता है।"

(-डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन)